इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑनलाइन जुआ साइटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका के जवाब में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार को अपने-अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने आगे ऐसी वेबसाइटों के अधिकारियों को नोटिस जारी किया, जो कथित तौर पर चीनी नागरिकों के स्वामित्व में हैं, ऑनलाइन जुए में शामिल हैं और निर्दोष जनता से पैसे ठगते हैं।
Published: 17 Aug 2021, 1:20 PM IST
सामाजिक कार्यकर्ता शिमला श्री त्रिपाठी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 15 सितंबर तय की है। याचिकाकर्ता के अनुसार, भारत में बड़ी संख्या में ऐसी वेबसाइटें काम कर रही हैं और जुआ खेल जैसे रंग भविष्यवाणी खेल की पेशकश कर रही हैं जिसमें खिलाड़ी को एक निश्चित मात्रा में दांव लगाना होता है और वेबसाइट द्वारा परिणाम घोषित होने से पहले खेल के परिणाम का अनुमान लगाना होता है।
Published: 17 Aug 2021, 1:20 PM IST
याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि ऐसी वेबसाइटें पहले खिलाड़ियों को आसानी से जीतने देती हैं, लेकिन जब बड़ी संख्या में खिलाड़ी बड़ी संख्या में दांव लगाने लगते हैं, तो वेबसाइट के मालिक परिणामों में हेरफेर करना शुरू कर देते हैं, जिससे अंतत: अधिकांश खिलाड़ी खेल में हार जाते हैं जबकि वेबसाइट मालिकों को अवैध रूप से लाभ होता है।
Published: 17 Aug 2021, 1:20 PM IST
याचिकाकर्ता की ओर से पेश उनके वकील शशांक श्री त्रिपाठी ने तर्क दिया कि ये वेबसाइटें जुआ पर कर के नाम पर विजेताओं से भारी मात्रा में पैसे भी काटती हैं, यह दावा करते हुए कि सरकार को इसका भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीनी नागरिक ऐसी जुआ वेबसाइटों के मालिक हैं। इन वेबसाइटों को आमतौर पर चीनी सर्वरों द्वारा नियंत्रित किया जाता है और धोखाधड़ी की एक योजनाबद्ध योजना बनाई जाती है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 17 Aug 2021, 1:20 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 17 Aug 2021, 1:20 PM IST