पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि बटाला को जिला घोषित करने की मांग पर पहले से ही विचार किया जा रहा है और इसमें शामिल विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने कैबिनेट सहयोगियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा की मांग के जवाब में कहा कि उनसे पिछले महीने भी कांग्रेस के एक अन्य नेता ने इसी तरह की मांग की थी और वह इस मामले को देख रहे हैं।
उन्होंने बताया, इसके अलावा, पिछले कुछ दिनों में मीडिया में कुछ रिपोर्ट आई हैं जो दर्शाती हैं कि बटाला के नागरिकों ने भी सार्वजनिक रूप से अपने क्षेत्र से एक नए जिले को बनाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने आश्चर्य व्यक्त किया कि इस तरह से संयुक्त पत्र लिखने से पहले न तो तृप्त और न ही सुखजिंदर ने र्पिोटों को सार्वजनिक रूप से देखा और न ही उनके साथ इस मुद्दे पर चर्चा करना उचित समझा।
अमरिंदर सिंह ने एक बयान में दोनों मंत्रियों पर कटाक्ष करते हुए कहा, "अगर वे मेरे पास आते और इसके बारे में बात करते, तो मैं उन्हें बता देता कि मैं पहले से ही इस मामले को देख रहा हूं और इस संबंध में उनसे सलाह भी लेता।" अमरिंदर सिंह ने कहा कि सांसद प्रताप बाजवा ने पहले ही 11 अगस्त को अपने पत्र में बटाला के लिए एक जिला का दर्जा देने की मांग की थी और बटाला के ऐतिहासिक महत्व और गुरु नानक देव के साथ इसके संबंध का हवाला दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य के इतिहास और संस्कृति के साथ-साथ जनता की भावना के लिए बटाला के महत्व से परिचित हैं। उन्होंने कहा कि निर्णय लेने से पहले वह विभिन्न हितधारकों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य के सभी ऐतिहासिक नगरों और स्थानों, विशेष रूप से वे जो किसी भी तरह से किसी भी गुरु से जुड़े हुए हैं, उनके ढांचागत विकास और प्रगति को सुनिश्चित करने के तरीकों का पता लगाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बटाला को भी उसका हक मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।
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