खतरे के निशान को पार कर चुका यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और मंगलवार को यह 206.04 मीटर तक पहुंच गया। बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है क्योंकि जलस्तर बढ़ रहा है और स्थिति गंभीर है। कुछ लोग दूसरी जगह जाने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन हम उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं।”
यमुना में लगातार पानी बढ़ने की वजह से दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। खासकर वजीराबाद, सोनिया विहार, शास्त्री पार्क, गांधी नगर, ओखला समेत अन्य निचले इलाकों पर बाढ़ का साया मंडरा रहा है। अगर यही स्थिति बनी रही तो ये इलाके एक दो दिनों में बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।
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केंद्रीय जल आयोग ने अपने पूर्वानुमान में शाम तक जलस्तर में कमी आने की बात कही है। अधिकारी ने कहा, “नदी का प्रवाह स्थिर है, लेकिन अधिक बारिश इस प्रवाह को प्रभावित कर सकती है। हम इस पर करीबी नजर रखे हुए हैं।”
पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी के महेश ने बताया कि मंगलवार सुबह 9 बजे के आसपास यमुना का जलस्तर 206.03 रहा। मंगलवार सुबह ही हथिनीकुंड बैराज से 24,992 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि पांच लाख क्यूसेक पानी 28 जुलाई को छोड़ा गया था। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर बारिश नहीं हुई तो यमुना का जलस्तर जल्द नीचे आएगा।
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दिल्ली में 1978 में सबसे खराब बाढ़ देखी गई जब नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 207.49 मीटर पर पहुंच गया था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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