हालात

दिल्लीः क्यों त्रिलोकपुरी में बार-बार हो रही है सांप्रदायिक हिंसा?

दिल्ली के त्रिलोकपुरी में हर साल सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हो रही हैं? सवाल उठता है कि क्या यहां के माहौल को बिगाड़ कर सांप्रदायिक नफरत की प्रयोगशाला तैयार करने की साजिश रची जा रही है।

फोटोः नवजीवन
फोटोः नवजीवन शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए त्रिलोकपुरी में मौजूद पुलिस

दिल्ली का त्रिलोकपुरी इलाका सांप्रदायिक हिंसा के लिए एक जिंदा बम की तरह है। वहां हर समय इस बात का खटका बना रहता है कि कहीं कोई छोटी सी बात भी किसी बड़े सांप्रदायिक दंगे में ना बदल जाए। साल 2014 में दिवाली के वक्त एक अस्थाई मंदिर में दुर्गा की मूर्ती को लेकर दंगा शुरू हो गया था, जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 18 अप्रैल 2015 को पार्किंग के मुद्दे पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, जिसमें जमकर पत्थरबाजी हुई। 10 अक्टूबर 2016 को क्रिकेट की गेंद लग जाने की मामूली घटना ने दंगे का रूप ले लिया। इसी तरह पिछले साल जून में भी इलाके में उस समय हंगामा और तनाव पैदा हो गया, जब ये बात फैली कि कुछ लोगों ने एक औरत के घर में घुसकर जबरन उसको मांस खिलाने की कोशिश की। इसके बाद एक बार फिर से इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया।

त्रिलोकपुरी के हालात से दो बातें साफ नजर आती हैं। एक तो ये कि त्रिलोकपुरी में कभी भी बड़ा सांप्रदायिक दंगा हो सकता है। दूसरा ये कि त्रिलोकपुरी में ऐसी घटनाएं केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद हर साल हो रही हैं। जिसका स्पष्ट अर्थ है कि इन वर्षों में पूरे देश की तह दिल्ली में भी सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या यह एक सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है?, क्या त्रिलोकपुरी को सांप्रदायिक दंगों की प्रयोगशाला के तौर पर तैयार किया जा रहा है?

Published: 23 Feb 2018, 7:02 PM IST

तीन दिन पहले पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में मामूली कहासुनी पर हुई हिंसा की चिंगारी को भड़काने में कहीं स्थानीय राजनीति और असामाजिक तत्वों का तो हाथ नहीं है? क्यों दो लड़कों की आपसी लड़ाई को सांप्रदायिक रंग देकर माहौल को खराब करने की नापाक कोशिश की गई? ये कुछ सवाल हैं, जिनके बारे में त्रिलोकपुरी के लोग सरकारों, पुलिस और स्थानीय नेताओं से जानना चाहते हैं।

दरअसल कुछ सप्ताह पहले त्रिलोकपुरी के ब्लॉक 31 में रहने वाले विक्की का ब्लॉक 20 में रहने वाले सलमान से झगड़ा हो गया था। उस वक्त विक्की और उसके साथियों ने सलमान की जमकर पिटाई की थी। बुरी तरह से घायल सलमान को उसकी मां अपने साथ थाने लेकर पहुंची थीं और बार-बार पुलिस से गुजारिश करने के बावजूद ना तो उनकी शिकायत दर्ज की गई और ना ही सलमान की मेडिकल जांच कराई गई। इस बात से सलमान के दिल में भी बदली लेने की भावना पैदा हो गई। सलमान की मां नरगिस बेगम के अनुसार, दो दिन पहले जब सलमान को विक्की मिला तो उसकी पहले उससे बहस हुई और बाद में विक्की अपने साथ कुछ लड़के ले आया और उनके बीच जमकर मारपीट हुई।

बहरहाल त्रिलोकपुरी इलाका शुरू से ही असामाजिक तत्वों सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ा देने वाले राजनीतिक खुराफातियों का सॉफ्ट टारगेट रहा है। लिहाजा इस बार भी ऐसा ही हुआ। आबादी के हिसाब से वहां रहने वाले हिंदू और मुसलमान भले बराबर ना हों, लेकिन भाईचारा, मेलजोल, आपसी समझदारी और सहमति में विश्वास करते हैं। ये बातें हमसे बातचीत के दौरान दीपक बिष्ट, मौलाना शम्स सैफी, राहुल कपूर, मनोज बिष्ट और जेल भेजे गए सलमान की मां नरगिस ने एक साथ कहीं।

Published: 23 Feb 2018, 7:02 PM IST

फोटोः नवजीवन

सामाजिक कार्यकर्ता शबनम खान भी इस मौके पर मौजूद थीं। उन्होंने दो टूक कहा कि सस्ती और घटिया राजनीति करने वालों, असामाजिक तत्व, हिंदू-मुस्लिम-दलित वोट बांटकर राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों के मंसूबे कहीं ना कहीं कामयाब हो रहे हैं, जिसकी वजह से त्रिलोकपुरी में हालात पहले भी और अभी भी तनावपूर्ण हैं।

हालांकि, त्रिलोकपुरी में अब हालात ट्रैक पर आ रहे हैं, पथराव, तोड़फोड़, बोतलबाजी, पुलिस की लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों की कार्रवाई के बाद अब थोड़ी थोड़ी दूर पर पुलिस बल की टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं। आलाधिकारी भी इलाके में समय-समय पर गश्त कर रहे हैं। 22 फरवरी को इलाके के डीसीपी ओमवीर सिंह बिश्नोई के साथ कई सब डिविजन के एसीपी और दूसरे थानों के एसएचओ ने मिलकर रिजर्व फोर्स की कई कंपनियां साथ लेकर इलाके में फ्लैग मार्च किया और लोगों से अमन और भाईचारा कायम करने की अपील की।

इस झगड़े में घायल हुआ विक्की फिलहाल ठीक है। उसके चेहरे पर मामूली चोटें आई हैं और वह अपने घर पर ही है। जबकि सलमान और उसके मामा नासिर को गिरफ्तार कर के पुलिस जेल भेज चुकी है और अब उसके रिश्तेदार वाहिद और सलमान को तलाश कर रही है। सलमान की मां इंसाफ की अपील कर रही हैं। उनका कहना है कि उनके पति बीमार हैं और घर की सारी जिम्मेदारी जेल में बंद सलमान और छोटे बेटे फैसल के कंधों पर है।

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि दिल्ली के त्रिलोकपुरी में ही क्यों हर साल सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं, क्या यहां के माहौल को बिगाड़ कर आपस में नफरत फैलाने और सांप्रदायिक घृणा की प्रयोगशाला तैयार करने की साजिश रची जा रही है।

Published: 23 Feb 2018, 7:02 PM IST

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Published: 23 Feb 2018, 7:02 PM IST