यह आपबीती है उस शख्स की जो दिल्ली हिंसा का शिकार हुआ। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के चांदपुर में रहने वाले मोहम्मद जुबैर के साथ जो भी हुआ उसके बारे में उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। सोमवार 24 फरवरी को जब जुबैर अपने घर से निकला तो उसके जेहन में सिर्फ अपने बच्चों की डिमांड को पूरी करने की बात चल रही थी। दरअसल जुबैर के बच्चों ने घर लौटते समय हलवा और पराठा लेकर आने की बात कही थी। लेकिन घर वापस लौटने से पहले ही भीड़ ने उसे घेर लिया और लाठी और रॉड लेकर उसपर टूट पड़ी। बेसुध होने तक जुबैर हमलावरों से रहम की भीख मांगता रहा लेकिन वो नहीं रुके। मोहम्मद जुबैर पर हमले की वारदात रॉयटर्स के कैमरामैन के कैमरे में कैद हो गई। ये तस्वीर खूब वायरल हुई। जुबैर को जब होश आया तो वह दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में था। उसे अपने ऊपर हमले को लेकर बहुत ज्यादा कुछ तो याद नहीं है लेकिन वो वायरल तस्वीर उसके दर्द को फिर से ताजा कर दे रही है।
Published: 26 Feb 2020, 4:13 PM IST
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दिल्ली हिंसा के शिकार मोहम्मद जैबर ने कहा कि, ‘वो लोग तब तक मुझे पीटते रहे जब तक मैं अधमरा नहीं हो गया। मैंने उनसे रहम की भीख मांगी तो वो लोग और बुरी तरह मुझे मारने लगे। वो लोग मजहब को लेकर गालियां दे रहे थे और कपिल मिश्रा का नाम लेकर पीटे जा रहे थे। इससे ज्यादा मुझे कुछ याद नहीं। मैं बस ये दुआ कर रहा था कि मेरे बच्चे सुरक्षित हों। मुझमें अपनी वो वायरल तस्वीर देखने की हिम्मत नहीं है..मेरे पैर दर्द से कांप उठ रहे हैं।’
Published: 26 Feb 2020, 4:13 PM IST
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 24 फरवरी की सुबह मोहम्मद जुबैर पास के ही मस्जिद में दुआ का नमाज अता करने के लिए घर से निकला था। चश्मदीदों के मुताबिक मस्जिद से लौटते वक्त वह सीएए के समर्थन में जुटी भीड़ के हत्थे चढ़ गया। भीड़ उसे लाठी और लोहे की रॉड से बेहोश हो जाने तक पीटती रही। इस हमले में जुबैर के सिर, हाथ, कंधे और पैर में गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल जुबैर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
Published: 26 Feb 2020, 4:13 PM IST
जुबैर का कहना है कि उसका किसी भी दल या राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है। वह नौवीं पास है और मजदूरी कर किसी तरह अपना घर चलाता है। जुबैर ने कहा, ‘मेरी पत्नी और बच्चे इन सबसे बहुत दूर हैं। मैं किसी तरह से कोई राजनीतिक आदमी नहीं हूं। मैं तो सिर्फ दुआ की नमाज पढ़ने गया था और वापसी में बच्चों के लिए मिठाई लेकर लौट रहा था। मुझे लगा मिठाई देख मेरे बच्चे बहुत खुश हो जाएंगे। लेकिन मुझे नहीं मालूम कि अब कब मैं अपने बच्चों को देख पाऊंगा।’
Published: 26 Feb 2020, 4:13 PM IST
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Published: 26 Feb 2020, 4:13 PM IST