हालात

दिल्ली दंगों की दर्द भरी दास्तां: लूट के बाद दंगाइयों ने घर को लगा दी थी आग, ये देख हार्ट अटैक से गई जान

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा की आग की तपिश अब भी कई घरों को जला रही है। इस घटना ने कई घर उजाड़ दिए और कई जिंदगियां तबाह कर दी। लोग अपना घर बार छोड़ राहत कैंप में रात गुजराने को मजबूर हैं। हिंसा पीड़ित कई परिवार उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ईदगाह के नजदीक बनाए गए राहत कैंप में रह रहा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर फोटो: सोशल मीडिया

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा की आग की तपिश अब भी कई घरों को जला रही है। इस घटना ने कई घर उजाड़ दिए और कई जिंदगियां तबाह कर दी। लोग अपना घर बार छोड़ राहत कैंप में रात गुजराने को मजबूर हैं। हिंसा पीड़ित कई परिवार उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ईदगाह के नजदीक बनाए गए राहत कैंप में रह रहा है। 62 साल के अमीन खान भी अपने परिवार के साथ इसी कैंप में रह रहे थे। लेकिन बुधवार रात उनकी मृत्यु हो गई। जनसत्ता की खबर के मुताबकि अमीन खान हिसां भड़कने के बाद अपने परिवार के साथ इस कैंप में शिफ्ट हुए थे। अमीन खान, शिव विहार इलाके के रहने वाले थे। इस इलाके में जब भीड़ ने पत्थर और पेट्रोल बम फेंकना शुरू किया था तब वो अपने परिवार के साथ इस कैंप में शिफ्ट हो गए थे।

Published: 06 Mar 2020, 7:00 PM IST

उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार इलाके में हिंसा बंद होने के बाद अमीन खान अपने घर को देखने गए थे। दरअसल वो कैंप से अपने घर वापस शिफ्ट होना चाहते थे इसलिए वो अपना घर देखने गए थे। लेकिन घर देख कर आने के बाद से ही वो काफी तनाव में थे।

Published: 06 Mar 2020, 7:00 PM IST

अमीन खान के बेटे आसिफ के मुताबिक जब से वो घर देखकर आए थे परिवार के लोगों से बात ही नहीं कर रहे थे। घरवालो की जिद के बाद उन्होंने बताया कि हमारा घर जला दिया गया है और घर में रखे कीमती आभूषण और दूसरी वस्तुएं लूट ली गई हैं।

Published: 06 Mar 2020, 7:00 PM IST

वो पूरी तरह से बिखर गए थे और थोड़ी देर बाद वो बेसुध होकर गिर गए। हम उन्हें लेकर मेहर क्लिनिक गए। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने बताया कि उन्हें स्ट्रॉक पड़ा था।’ अमीन खान अपने घर के पास एक चाय की दुकान चलाते थे। यह दुकान भी दंगाईयों ने इस हिंसा में जला दिया है। उनके बेटे ने कहा कि ‘हमें याद है कि जिस दिन हिंसा की शुरुआत हुई।उस दिन हम बच्चों और अपने परिजनों को बचाने के लिए पिछले दरवाजे से भागकर अपनी बहन के घर गए। जब यह कैंप खोला गया तब हम यहां शिफ्ट कर गए। पिता जी सोचते थे कि सबकुछ ठीक हो जाएगा। घर घूमने के बाद वो सदमें में थे।’

Published: 06 Mar 2020, 7:00 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 06 Mar 2020, 7:00 PM IST

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया