संजीदा (41 वर्ष) सिर्फ अपने नाम से ही नहीं, बल्कि अपने काम, समझ-बूझ और नजरिये से भी संजीदा हैं। वो उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके के फेस-5 में लौट आई हैं। इसी साल 25 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगे के दौरान शिव विहार में उनका घर भी जला दिया गया था। संजीदा शिव विहार की उन सैकड़ों औरतों में से एक थीं, जिन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था। रातों-रात नंगे पैर अपने बच्चों को लेकर भागी संजीदा को मुस्तफाबाद के चमन पार्क में शरण लेनी पड़ी थी।
शिव विहार में लौट आईं संजीदा अपने काम पर जुटी हुई हैं। एक बार फिर से वो मशीन (घुग्गी) पर हैं। 18 घंटे से ज्यादा समय से वह मेहनत से सिलाई कर रही हैं। इलाके को जानने वाले लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि जाफराबाद, मुस्तफाबाद और शिव विहार का इलाका बेल्ट, पर्स, लेडीज पर्स, फैंसी ड्रेसेज और खिलौने बनाने का हब है। यहां घर-घर महिलाएं इस काम से जुड़ी हुई हैं। संजीदा भी अब तक यही करती रही हैं। सिलाई वो अब भी कर रही हैं, लेकिन इस बार वो मास्क और पीपीई किट बना रही हैं।
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कोरोना महामारी के बीच करीब बीस दिन पहले अपने घर लौट आई हैं। यहां उनकी घर के साथ जली दी गई मशीन के स्थान पर एक सामाजिक संस्था के लोगों ने दूसरी मशीन दे दी है। संजीदा अब इस मशीन पर मास्क और पीपीई किट बना रही है। कोरोना संकट के समय जब लगभग पूरे देश में नागरिकों को मास्क पहनने के लिए कहा जा रहा हो और देश पीपीई किट की कमी से जूझ रहा हो तो संजीदा के काम की संजीदगी समझ मे आती है।
इस काम में अकेली संजीदा ही नहीं हैं, बल्कि इस इलाके की दर्जन भर महिलाएं भी इस काम में जुटी हैं। संजीदा के अलावा शायना, रजिया, शाहजहां, गुलिस्तां, रुखसाना, नर्गिस और रेहाना भी यही काम कर रही हैं। हालांकि यहां मशीनों की काफी कमी है, लेकिन ये महिलाएं शिफ्ट बनाकर काम कर रही हैं। अब तक ये महिलांए हजारों किट और मास्क तैयार कर चुकी हैं। और सबसे खास बात यह है कि उनके द्वारा तैयार मास्क और पीपीई किट सबसे पहले शिव विहार में तैनात पुलिसकर्मियों को भेंट किया गया है।
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इन महिलाओं को पीपीई किट और मास्क बनाने के लिए प्रेरित करने में सामाजिक कार्यकर्ता और माइल्स टू स्माइल के संस्थापक आसिफ मुज्तबा की खास भूमिका है। आईआईटी से पढ़े आसिफ दिल्ली दंगों के बाद से ही इन प्रभावित इलाकों में रिलीफ वर्क से जुड़े हैं। आसिफ बताते हैं, “2 मार्च के आसपास मुझे कुछ महिलाओं ने बताया कि दंगों की वजह से उनका घर और सिलाई मशीनें जल गई हैं, जो उनकी आजीविका का जरिया था। दिल्ली में खर्च चलाने के लिए औरत-मर्द दोनों का कमाना जरूरी होता है। अब वो जल्द से जल्द अपना काम शुरू करना चाहती थीं। तब हमने उन्हें 2 ऑटोमेटिक मशीनें और कुछ कच्चा माल खरीदने के लिए पैसे दे दिए और हम भूल गए।”
आसिफ अगली बात बताते हुए जज्बाती हो जाते हैं। वह कहते हैं, “8 अप्रैल को वो मेरे पास फिर से आईं। उनके पास 2000 मास्क थे और 100 पीपीआई किट। मुझे अच्छा लगा। मगर इसके बाद जो उन्होंने कहा उससे मेरी आंखों मे पानी आ गया। इनमें से एक औरत ने कहा कि आप यह सब गरीबों में बांट दीजिये। उनके पास मास्क खरीदने के पैसे नहीं होंगे और यह पीपीआई किट पुलिसकर्मियों को दे दीजिए।” वह कहते हैं, “इन लोगों का घर दंगे में जरूर जल गया था, मगर इस आला स्तर की इंसानियत देखकर मैं इमोशनल हो गया। हम 45 दिन से शिव विहार में राहत का काम कर रहे थे, मगर इतने ऊंचे ख्यालात वाली बात अब तक मेरे सामने नहीं आई थी।”
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बता दें कि दिल्ली दंगों के दौरान उत्तर प्रदेश के लोनी बॉर्डर से सटा शिव विहार इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। यहां तीन मस्जिदों में आग लगा दी गई थी। एक मस्जिद में गैस सिलेंडर डालकर उसे उड़ाने की भी कोशिश की गई थी। 50 हजार से ज्यादा आबादी वाले शिव विहार में लगभग 6 हजार मुसलमान रहते थे। वे सभी उस वक्त वहां से पलायन कर गए थे, जिनमें से अधिकतर अब लौट आए हैं। यहां के स्थानीय लोगों का कहना था कि दंगा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग लोनी की तरफ से लोग आएं थे। शिव विहार में अभी भी पुलिस की तैनाती है।
यहां तबाह कई गई मस्जिदों को उनके पूर्व स्वरूप में लाने का काम जमीयत उलेमा ए हिंद कर रही है। जमीयत उलेमा ए हिंद के सचिव मौलाना मूसा कासमी कहते हैं, “एक ऐसे इलाके से इस तरह की खबर बेहद ही सुखद है। आजकल टीवी मीडिया मुसलमानों को खलनायक की तरह पेश कर रहा है। इस तरह की अच्छी बातों से उसे परहेज है, जबकि देशहित में इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है!
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आसिफ मुज्तबा बताते हैं कि “अभी यहां हर दिन 1000 मास्क और 300 पीपीई किट तैयार किए जा रहे हैं। सिर्फ 2 आधुनिक मशीनों से अब तक 11 हजार मास्क तैयार हो चुके हैं। जो स्टॉक में हैं।मशीनों की संख्या बढ़ाए जाने पर यह तस्वीर और बड़ी हो जाएगी। इसके लिए हम लोगों से अपील कर रहे हैं। इस काम में और भी बहुत सारी महिलाएं भी रुचि ले रही हैं। कोरोना बहुत बड़ी समस्या है, यही कारण है कि एक महीना पहले हुए यहां के भीषण दंगे पर अब कोई बात भी नहीं करता।”
बता दें कि भारत दुनिया भर की तरह कोरोना वायरस की चपेट में है और पिछले 20 दिनों से देश में लॉकडाउन है। इसके बावजूद पूरे देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं। वायरस के खतरे को देखते हुए यहां बड़ी संख्या में मास्क और पीपीई किट की आवश्यकता है, जिसकी कमी की कोरोना संकट के पहले दिन से ही चर्चा होने लगी थी। ऐसे में शिव विहार इलाके से आई यह खबर बेहद सुकून देती है।
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