बीते साल 15 दिसंबर को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद पुलिस बर्बरता को बयां करते रोज हो रहे खुलासों के बीच खबर है कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह चार्जशीट पुलिस ने 13 फरवरी को साकेत कोर्ट में दायर की है। इस चार्जशीट में करीब सौ लोगों के बयान के आधार पर करीब 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें शरजील इमाम का भी नाम है। चार्जशीट में पुलिस ने हिंसा वाली जगह से खाली कारतूस भी मिलने का दावा किया है।
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इस चार्जशीट की खास बात ये है कि इसमें आरोपी बनाए गए 17 लोगों में से कोई भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का छात्र नहीं है। चार्जशीट के अनुसार दिल्ली के जामिया नगर इलाके और उससे सटे एनएफसी मार्केट में 15 दिसंबर को हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने अभी तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। चार्जशीट के अनुसार इनमें से 9 लोगों की एनएफसी और 8 की जामिया इलाके से गिरफ्तारी हुई है। इनमें से कोई भी जामिया का छात्र नहीं है। हालांकि एक आरोप पत्र में शरजील इमाम का नाम भी शामिल है, जो भड़काऊ भाषण के आरोप में हिरासत में है और सोमवार को ही पुलिस ने उसे जामिया हिंसा मामले में गिरफ्तार किया है।
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15 दिसंबर की शाम को जामिया मिल्लिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों पर दिल्ली पुलिस की बर्बरता के कई वीडियो सामिने आने के बाद मची हलचल क बीच दिल्ली पुलिस ने बीते 13 फरवरी को गोपनीय तरीके से साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में पुलिस ने धारा 307, 147, 148,149, 186, 353, 332, 427 और अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
चार्जशीट के अनुसार 15 दिसंबर को हुई हिंसा में उपद्रवियों ने 6 बसों और 3 निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त किया। हिंसा में 95 लोग घायल हुए, जिनमें 47 पुलिसकर्मी हैं। हिंसा वाले इलाके से 3.2 एमएम के खाली कारतूस मिले हैं। सीसीटीवी, सीडीआर और 100 गवाहों के बयान के आधार पर दाखिल चार्जशीट में शरजील इमाम का भी नाम शामिल किया गया है। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने पीएफआई का भी उल्लेख किया है। आरोपियों की पहचान के लिए दिल्ली पुलिस ने तस्वीरें भी साझा की हैं।
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बता दें कि बीते साल 15 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जामिया नगर इलाके में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कई बसों को आग लगा दी गई थी और पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पत्थरबाजी हुई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू कर दिया था। और इसी क्रम में पुलिस जामिया मिल्लिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में घुस गई और वहां पढ़ रहे छात्रों और छात्राओं पर टूट पड़ी। इस दौरान पुलिस वालों ने पूरी तरह जामिया लाइब्रेरी को तहस-नहस कर दिया। पुलिस कार्रवाई में गोली चलाने के भी आरोप हैं।
हालांकि, पुलिस अब तक जामिया लाइब्रेरी में घुसने से इंकार करती रही है, लेकिन बीते दिनों जामिया लाइब्रेरी में पुलिस हिंसा के कई वीडियो सामने आ गए। वीडियो में साफतौर पर दिल्ली पुलिस छात्रों पर डंडे बरसा रही है और सीसीटीवी को तोड़ती नजर आ रही है।
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