केंद्र सरकार ने एकीकरण के बाद अब दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सीटों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित कर दी है। इनमें से 42 वार्ड अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित होंगे। अब पहले के तीन निगमों के 272 वार्ड के मुकाबले 22 वार्ड कम होंगे। सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली के दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के अनुसार लाए गए दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 के तहत केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम में पार्षदों की कुल सीटों की संख्या ढाई सौ (250) के रूप में निर्धारित करती है।
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अधिसूचना में कहा गया है कि आगे, पूर्वोक्त अधिनियम (संशोधित) की धारा 3 की उप-धारा (6) के प्रावधानों के अनुसरण में, केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम में आरक्षित वर्ग के लिए पार्षदों की कुल सीटों की संख्या भी निर्धारित करती है। अब अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए 42 सीटें होंगी। सीटों की संख्या का निर्धारण अनुसूचित जाति की जनसंख्या और दिल्ली की कुल जनसंख्या (2011 की जनगणना) के आधार पर किया गया है।
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बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निगम के एकीकरण का फैसला लिया था। इसके लिए संसद में कानून में संशोधन किया गया है। इस प्रक्रिया के चलते फरवरी-मार्च में होने वाले एमसीडी चुनाव में काफी देरी हो गई है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर एमसीडी चुनाव में हार के डर से देरी करने के लिए एकीकरण का हथकंडा अपनाने का आरोप लगाया है।
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