राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या सोमवार को एक लाख के आंकड़े को पार कर गई। बीते 24 घंटे में दिल्ली में जहां कोरोना से 48 लोगों की मौत हो गई, वहीं इस दौरान 1379 नए कोरोना पॉजिटिव केस भी सामने आए। अन्य दिनों के मुकाबले आज कोरोना के लगभग 10 हजार टेस्ट भी कम किए गए हैं। शनिवार से रविवार के बीच दिल्ली में कोरोना के लगभग 23 हजार से अधिक टेस्ट किए गए थे। हालांकि बीते 24 घंटे में केवल 13879 टेस्ट किए गए।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सोमवार को अपने आवास पर कोरोना की स्थिति और उसके लिए उपलब्ध इंतजामों की एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में कोरोना मृत्युदर 3.09 प्रतिशत है और कोविड रोगियों की संख्या के दोगुना होने का समय 33.5 दिन है। जबकि प्रति 10 लाख पर 33,868 जांच हो रही है। फिलहाल दिल्ली में कोविड के कुल एक लाख 823 पुष्ट मामले हैं। इनमें से 72,088 रोगी पूरी तरह से ठीक हो गए हैं, और रिकवरी दर 71.73 प्रतिशत है।
इस बैठक में उपराज्यपाल के अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह), नोडल अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उपराज्यपाल को बताया गया कि दिल्ली में सभी के सामूहिक प्रयासों से पिछले एक पखवाड़े में चिकित्सा के बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है। वर्तमान में डेडिकेटिड कोविड अस्पतालों में 15,301 डेडिकेटिड कोविड बेड, 10,155 आक्सीजन सहित बेड, 1852 आई.सी.यू. बेड और 888 वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं। दिल्ली में 18 जून से शुरू एंटीजन टेस्टिंग के तहत चार जुलाई तक कुल 1,82,022 टेस्ट किए जा चुके हैं।
इसके साथ ही दिल्ली में अब एम्बुलेंस की संख्या 337 से बढ़कर 602 हो चुकी है, जिसके परिणामस्वरूप रेस्पांस टाइम 55 मिनट से घटकर 30 मिनट हो चुका है। कोरोना की रोकथाम और प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली में 4 जुलाई, 2020 तक कुल 456 कनटेंनमेंट जोन बनाए गए हैं। एलजी को बताया गया कि दिल्ली में सिरो सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है और इसके लिए कुल 22,823 नमूने लिए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल (एनसीडीसी) परिणामों का विशलेषण कर रहा है, जिससे कोविड के खिलाफ प्रशासन को अपनी रणनीति के पुनर्मूल्यांकन में मदद मिलेगी।
उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग को सलाह देते हुए कहा कि चिकित्सा कर्मियों के साथ-साथ रोगियों और उनके रिश्तेदारों के मनोबल एवं आत्मविश्वास को बढ़ाने के हरसंभव उपाय किए जाएं। इस पर बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए रोगियों को उनके रिश्तेदारों से वीडियो काल द्वारा बातचीत, समय पर सूचना, वार्ड में सीसीटीवी निगरानी, खाली बेड के डिसप्ले द्वारा जानकारी के अलावा हेल्पडेस्क, चौबीसों घंटे की हेल्पलाइन, रैपिट इंटीजन टेस्टिंग, वार्ड में टीवी की व्यवस्था आदि सभी कोविड अस्पतालों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बैठक में उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दिल्ली में मृत्युदर कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को सलाह दी कि सभी रोगियों की जान बचाने के लिए 'गोल्डन आवर' काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान एम्बुलेंस का इंतजाम, रोगियों को होम आइसोलेशन से अस्पताल में भर्ती करना, आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करना अतिआवश्यक है।
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