दिल्ली के चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड के आरोपी सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा की रिहाई की अनुमति आज दिल्ली के उपराज्यपाल ने दे दी, जिसके बाद उसके जेल से बाहर निकलने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। मनु शर्मा को साल 1999 में जेसिका लाल हत्याकांड में दोषी पाया गया था।
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दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज सजा समीक्षा बोर्ड की 13 मई की उस सिफारिश को मंजूरी दी जिसमें जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा को तिहाड़ जेल से रिहा करने का फैसला करते हुए किया गया था। इसकी सिफारिश दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में हुई सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक में की गई थी। जिसके बाद केवल उपराज्यपाल को इस पर अंतिम मुहर लगानी थी।
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गौरतलब है कि इससे पहले भी मनु शर्मा को जेल से रिहा करने की अपील पांच बार सजा समीक्षा बोर्ड के सामने की गई थी, लेकिन खारिज कर दी गई थीं। इस बार नई अपील से पहले तिहाड़ जेल प्रशासन, दिल्ली पुलिस और जेसिका लाल के परिजनों की ओर से भी मनु शर्मा को जेल से छोड़े जाने पर किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होने की बात कही गई थी।
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बता दें कि मॉडल जेसिका लाल की 29 अप्रैल 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में शराब परोसने से मना करने पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोली चलाने वाला शख्स कारोबारी और नेता विनोद शर्मा का बेटा मनु शर्मा था। सात साल तक चले मुकदमे के बाद फरवरी 2006 में केस के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था। लेकिन, जेसिका की बहन ने इसके खिलाफ मीडिया के जरिये एक आंदोलन खड़ा कर दिया था, जिसके बाद देश भर में जेसिका लाल को इंसाफ की मांग उठने लगी। जनआंदलन के दबाव में केस दोबारा खुला और लगातार 25 दिनों तक मामले की सुनावई के बाद दोषी मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
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