दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं से पीड़ित अपने 33 सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की महिला की मांग पर चिकित्सकीय जांच में देर होने पर लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल को फटकार लगाई। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने शुक्रवार को अस्पताल के मेडिकल बोर्ड को उसी दिन महिला की जांच करने और पांच दिसंबर तक रिपोर्ट देने को कहा था।
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अस्पताल का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि मामला जटिल होने के कारण विलंब हुआ। मेडिकल बोर्ड भी चाहता था कि टीम में न्यूरोलॉजिस्ट भी हों। एलएनजेपी के वकील ने कहा, प्रशासनिक कारणों और चुनाव ड्यूटी के कारण भी इसमें देरी हुई, लेकिन रिपोर्ट कल तक तैयार हो जाएगी।
न्यायमूर्ति सिंह ने अस्पताल को दोपहर एक बजे तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया और कहा कि वह दोपहर 2.30 बजे मामले को उठाएंगी। उन्होंने कहा, संबंधित डॉक्टरों से कहें कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो दोपहर 2.30 बजे अदालत में पेश हों।
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इससे पहले 26 वर्षीय महिला ने याचिका में उल्लेख किया था कि 12 नवंबर को जांच में भ्रूण में मस्तिष्क संबंधी असामान्यता पाई गई थी।
याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि ऐसे मामलों में गर्भपात की अनुमति मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अधिनियम के तहत दी जा सकती है। वकील ने कहा, चूंकि गुरु तेग बहादुर अस्पताल में एमटीपी मामलों के लिए मेडिकल बोर्ड नहीं है, इसलिए एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा भ्रूण की जांच की जा सकती है।
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