दिल्ली विधानसभा की प्रतिष्ठित सीटों में से एक बल्लीमारान में मतदान के दौरान चुनावी मेला अपने चरम पर रहा। यहां सबसे खास रही इमरान की सफेद सेना। स्थानीय विधायक व केजरीवाल सरकार में मंत्री इमरान हुसैन के सैकड़ों समर्थक यहां एक जैसी सफेद जैकेट और सफेद टोपियां लगाए नजर आए। आम आदमी पार्टी की टेबल पर कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी रही। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज हारून यूसुफ के समर्थक भी यहां बड़ी तादाद में मौजूद रहे।
Published: undefined
बल्लीमारान में सुबह से ही मतदाताओं का घर से निकलना शुरू हो गया। यहां बनाए गए विभिन्न मतदान केंद्रों पर लोग लगातार बड़ी तादात में मतदान के लिए पहुंचते रहे। यहां वोट डालने वालों में बड़ी तादाद बुजुर्ग मतदाताओं की भी रही। ऐसी ही एक बुजुर्ग मतदाता रहीसा बेगम गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने के बावजूद शनिवार सुबह ही मतदान के लिए पोलिंग बूथ पहुंच गईं।
Published: undefined
अपने बेटे के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचीं रहीसा ने कहा, "मेरी उम्र 80 वर्ष से अधिक है और मेरे दोनों घुटने लगभग खराब हो चुके हैं। घुटने खराब होने के कारण अब मैं ज्यादा चल फिर नहीं पाती, लेकिन इस तकलीफ के बावजूद मैं मतदान करने आई हूं।"
रहीसा को सांस की गंभीर बीमारी भी है, जिसके कारण वह अधिक बात भी नहीं कर पातीं। मतदान केंद्र पहुंचने पर उनकी सांसें फूल गईं। वोट डालने से पहले कुछ देर वह पोलिंग बूथ के बाहर पुलिसकर्मियों के लिए रखी गई कुर्सी पर बैठीं। थोड़ा आराम मिलने पर उन्होंने मतदान किया और फिर अपने बेटे के साथ लौट गईं।
Published: undefined
बल्लीमारान रिहायशी इलाका होने के साथ-साथ पुरानी दिल्ली का एक बड़ा थोक बाजार भी है। हालांकि, मतदान के चलते शनिवार को बाजार बंद रहे, लेकिन इस दौरान खाने-पीने की तमाम दुकानें यहां खुली रहीं।
वहीं मतदान केंद्रों पर जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। यहां प्रत्येक मतदान केंद्र पर दिल्ली पुलिस अर्धसैनिक बल और कई मतदान केंद्रों के बाहर दिल्ली यातायात पुलिस के जवान भी तैनात किए गए थे। बल्लीमारान चावड़ी बाजार और जामा मस्जिद स्थित मतदान केंद्रों के बाहर अतिरिक्त वोटिंग मशीनों के साथ चुनाव आयोग की टीम भी मौजूद रही।
मतदान केंद्रों में वोटिंग मशीन खराब होने की स्थिति में अतिरिक्त वोटिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।
Published: undefined
मुस्लिम बहुल इलाका होने के बावजूद बल्लीमारान में जगह-जगह सभी धर्मों के लोग अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए काम करते नजर आए।
पंडित रामचंद्र ने कहा, "यहां इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की किस व्यक्ति का मजहब क्या है। चुनाव के दौरान भी लोगों में वही दोस्ती कायम रहती है। यहां तक कि एक दूसरे की विरोधी पार्टियों की टेबल पर बैठे लोग अक्सर यहां राजनीतिक पार्टियों द्वारा भेजे जाने वाला भोजन, चाय-नाश्ता साझा करके खाते हैं।"
बल्लीमारान के बारादरी मतदान केंद्र में वोट करके निकले आसिफ ने कहा, "यहां मतदान का मुद्दा मजहब या जाति नहीं है, लोग अपने मोहल्लों के विकास, उम्मीदवार व राजनीतिक पार्टी को देखकर वोट दे रहे हैं।"
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined