दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जमानत मिल गई है। गुरुवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को दिल्ली के खजूरी खास थाने में दर्ज एक एफआईआर के मामले में जमानत दी है। कोर्ट ने 20 हजार के निजी मुचलके पर उमर खालिद को जमानत दी है।
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दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने 24 फरवरी को खजूरी खास थाना क्षेत्र में हुए दंगों के सिलसिले में दर्ज केस में उमर खालिद को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है, जिनमें कहा गया है कि वह कोर्ट में होने वाली हर तारीख पर पेश होगा। इसके अलावा एक शर्त ये भी है कि खालिद अपना फोन हमेशा ऑन रखेगा और फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करके रखना होगा।
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इसके साथ ही जमानत में कोर्ट ने उमर खालिद को निर्देश दिया है कि वह खजूरी खास के एसएचओ को अपना मोबाइल नंबर देगा और हर वक्त अपना मोबाइल ऑन रखेगा। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा और न ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेगा। इसके अलावा और समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने में सहयोग भी करेगा।
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उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जज विनोद यादव ने यह भी कहा कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है। मामले की सुनवाई में लंबा समय लगने की संभावना है। आवेदक 01.10.2020 से न्यायिक हिरासत में है। आवेदक को केवल इसलिए अनिश्चितकाल तक के लिए जेल में नहीं रख सकते, क्योंकि कुछ लोग जो कि दंगे की भीड़ का हिस्सा थे उनकी पहचान की जानी है और उन्हें गिरफ्तार किया जाना है।
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