यह दिल्ली के इतिहास में चौंकाने वाली बात है कि कैबिनेट की बैठक के लिए दिल्ली सचिवालय पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को स्वागत की जगह काले बिल्ले पहने सरकारी अधिकारियों का शांत प्रतिरोध सहना पड़ा। 12 फरवरी को आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की मौजूदगी में की गई कथित मारपीट की घटना के बाद केजरीवाल पहली दफा दिल्ली सचिवालय आए थे। कैबिनेट की बैठक में, जिसमें अंशु प्रकाश भी मौजूद थे, यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से 28 मार्च तक चलेगा।
इससे पहले सुबह में दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त फोरम ने आज की कैबिनेट बैठक में मुख्य सचिव के हिस्सा लेने को लेकर एक बैठक की थी। प्रेस रिलीज के मुताबिक, “फोरम यह मानता है कि जनहित सर्वोपरि है, और बजट से जुड़ी सारी गतिविधि प्रशासन को चलाने के लिए काफी महत्वपूर्ण और केन्द्रीय है, इसलिए मुख्य सचिव बैठक में हिस्सा लेंगे। लेकिन, प्रतिरोध जारी रहेगा।”
इस बीच आम आदमी पार्टी विधायकों प्रकाश जरवल और अमानतुल्लाह खान की जमानत याचिका तीस हजारी कोर्ट ने खारिज कर दी है। ऐसी खबरें हैं कि पर्दे के पीछे इस रस्साकशी को खत्म करने के लिए बातचीत जारी है, लेकिन सरकार के कर्मचारी अपनी बात पर अड़े हुए हैं और यह चाहते हैं कि मुख्यमंत्री को घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए।
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