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किसानों के तेवर देख सरकार के फूले हाथ-पांव, बॉर्डर किले में तब्दील, 13 को 'दिल्ली चलो मार्च', 16 फरवरी को भारत बंद

किसानों द्वारा लिए गए इन फैसलों के मद्देनजर सरकारों और पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की दिल्ली पहुंचने वाली सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

एमएसपी और कर्ज माफी समेत अपनी कई मांगों को लेकर किसान सरकार से आर-पार के मूड में हैं। एक तरफ किसानों 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो मार्च' करेंगे तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने 16 फरवरी को भारत बंद का भी ऐलान किया है। किसानों ने बंद का ऐलान सरकार की ओर से 12 फरवरी को चंडीगढ़ में बातचीत के लिए न्योता दिए जाने के बाद किया है। बंद में सभी संगठनों ने हिस्सा लेने लेने की बात कही है। मजदूर संगठनों ने भी बंद को समर्थन देने की बात कही है। बंद के दौरान किसान सभी राजमार्गों पर चार घंटे तक चक्काजाम करेंगे।

किसानों द्वारा लिए गए इन फैसलों के मद्देनजर सरकारों और पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की दिल्ली पहुंचने वाली सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आलम यह है कि अभी से दिल्ली बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने कंक्रीट की बड़ी-बड़ी बैरिकेडिंग कर दी है। साथ ही आधार 144 भी लागू कर दी गई है। कई जगहों पर कटीले तार भी लगाए जा रह हैं।

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उधर, हरियाणा में भी यही हाल है। हरियाणा के पंचकुला में धारा 144 लागू कर दी गई है। पंचकुला डीसीपी सुमेर सिंह प्रताप ने बताया कि पैदल या ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ जुलूस, प्रदर्शन, मार्च पास्ट करने और किसी भी तरह की लाठी, रॉड या हथियार ले जाने पर रोक लगाया गया है।

किसानों के दिल्ली मार्च के मुद्देनजर पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर को सीमेंट की बैरिकेडिंग और कंटीली तारें लगा कर बंद कर दिया गया है। हरियाणा पुलिस ने बड़े पत्थरों और बैरिकेड्स के जरिए बॉर्डर को सील कर है। घग्गर नदी के ऊपर बने ब्रिज पर भी आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। किसानों के ट्रैक्टरों को रोकने के लिए खुदाई की गई है।

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किसान मोर्चा का कहना है कि सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए थे और वादा किया था कि एमएसपी और बिजली की दरों, कर्ज माफी पर बात करेंगे, लेकिन दो साल से उन्होंने हमारी कोई बात नहीं सुनी। मोर्चा ने कहा कि आंदोलन को देखते हुए केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ बात करने चले जाते हैं। यह सिर्फ सरकार का नाटक है।

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