राजधानी दिल्ली में प्रदुषण का स्तर काफी बढ़ गया है। इसके चलते लोगों को सांस लेने में काफी मुश्किल हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा कि 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच लोग सुबह टहलने के लिए न निकलें। इससे लोगों के बीमार होने का खतरा है।
Published: 29 Oct 2018, 11:20 AM IST
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, रविवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता इस सीजन की सबसे खराब स्थिति में रही। इस दौरान पीएम 2.5 का स्तर 381 रहा जबकि सुबह नौ बजे पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 348 रहा। सीपीसीबी ने चेतावनी दी है कि हाल-फिलहाल में हालात में बदलाव नहीं आएंगे और दिवाली तक स्थिति और बिगड़ सकती है।
उत्तरी दिल्ली में जहांगीरपुरी, पश्चिम दिल्ली में मुंडका, दक्षिणी दिल्ली में द्वारका और पूर्वी दिल्ली में आनंद विहार में वायु गुणवत्ता में बेहद खराब देखी गई और यह 'गंभीर' श्रेणी में रही। वहीं, रविवार को अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
Published: 29 Oct 2018, 11:20 AM IST
दिल्ली में प्रदुषण का कारण निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल और वाहनों से निकलने वाला धुंआ है। इसके अलावा हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की वजह से भी प्रदुषण हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में धुएं के कारण धुंध की एक मोटी चादर छाई रही और मौसम की सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की लगातार ख़राब होती गुणवत्ता को ठीक करने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है कि वह वायु प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब सख्त रुख अपनाते हुए आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई करेगी। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नीत एक कार्यबल ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए एक नवंबर से 10 नवंबर के बीच कम से कम निजी वाहनों को चलने की अनुमति देने, कोयले एवं जैवईंधन आधारित उद्योगों को बंद करने जैसी कठोर अनुशंसाएं की हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 29 Oct 2018, 11:20 AM IST
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Published: 29 Oct 2018, 11:20 AM IST