बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य में शराबबंदी को लेकर मंगलवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए गए। बैठक में पड़ोसी राज्य की सीमा पर विशेष निगरानी रखने और होम डिलिवरी करने वालों पर कठोर कार्रवाई करने को लेकर भी व्यापक चर्चा हुई।
बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद और पुलिस महानिदेशक एस के सिंघल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक में सरकारी तंत्र की प्रतिबद्धता को लेकर दोहराया गया। सिंघल ने कहा कि मुख्यालय स्तर पर एक टीम तैयार की जाएगी जो सूचना मिलने पर किसी भी थाना क्षेत्र में छापेमारी कर सकेगी। उन्होंने कहा कि अगर उस क्षेत्र में शराब की बरामदगी होती है, संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया जाएगा।
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अपर मुख्य सचिव ने कहा कि खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा गांव से लेकर शहरों में शराब के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस विधि व्यवस्था बनाए रखने और अपराधिक घटनाओं को रोकने के अलावा शराब के धंधे में लिप्त लोगों पर भी दृढतापूर्वक कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारी लगातार इसकी समीक्षा भी करेंगे।
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उन्होंने बताया कि बैठक में होम डिलिवरी को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि बिहार में होम डिलीवरी करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। थाना प्रभारी की शिकायत आने पर 10 वर्षों तक उन्हें थाने की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। इसके अलावा अगर किसी थाना प्रभारी की इस धंधे में सीधे संलिप्तता पाई जाती है, तो सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि गांव की जिम्मेदारी चौकीदारों पर होती है। गांव की हर प्रकार की सूचना भी चौकीदारों को हाती है। ऐसे में सभी प्रकार की सूचना देने की जिम्मेदारी चौकीदार को दी गई है। उन्होंने कहा, ''चौकीदार को गांव में हो रही अवैध गतिविधियों की जानकारी देनी है, अगर चौकीदार सूचना नहीं देता है, तो उस पर भी कार्रवाई होगी।'' पुलिस महानिदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो पहले कानून है उसी को सख्ती से पालन करवाने को लेकर समीक्षा बैठक में चर्चा की गई है।
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गौरतलब है कि बिहार के विभिन्न जिलों में कथित तौर पर शराब पीने से मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सख्त दिखे थे। इसी को लेकर आज समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। सात घंटे चली इस समीक्षा बैठक में मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक में जिले के अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
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