कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को दी गई मौत की सजा पर केंद्र सरकार पर हमला बोला। राव तमिलनाडु और पुडुचेरी के एआईसीसी प्रभारी सचिव भी हैं। उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर कहा कि यह चौंकाने वाला है कि कतर की एक अदालत ने भारतीय नौसेना बल के आठ पूर्व स्टाफ सदस्यों को मौत की सजा सुनाई है। लेकिन, गोपनीयता बनाए रखने के बहाने, केंद्र सरकार इसे एक सामान्य घटना करार दे रही है। क्या भारतीय नौसेना को सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारियों को मौत की सजा देना एक सामान्य घटना है?
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विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उन्हें भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा पर केवल प्रारंभिक जानकारी मिली है। राव ने कहा, क्या यह केंद्र सरकार की विफलता नहीं है? भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कतर की जेल में थे। इतने दिनों तक केंद्र सरकार क्या कर रही थी?
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"भारत के आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा पूरे देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच जो फैसला आया है वह चिंता का विषय है। जिन लोगों ने देश की सेवा की है उन्हें विदेशी धरती पर मौत की सजा दी गई है। केंद्र सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता से कदम उठाना होगा।''
"केवल मौत की सज़ा पाने वालों के परिवार ही चिंतित नहीं हैं, पूरा देश चिंतित है।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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