राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाके में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है, जिससे हवा जहरीली होती जा रही है। हालात को देखते हुए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 लागू कर दिया है। इसके लागू होते ही आवश्यक सामान और जरूरी सेवाओं वाले और सीएनजी व इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लग जाएगी।
इसके अलावा ग्रैप-4 के 8 सूत्री कार्य योजना के तहत आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छोड़कर, दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहन के दिल्ली में चलने पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसके साथ ही प्रतिबंधों के तहत दिल्ली सरकार और एनसीआर की सरकारें कक्षा 6 से 9 तक और कक्षा XI के लिए भी शारीरिक कक्षाएं बंद कर ऑनलाइन मोड में पढ़ाई का निर्णय ले सकती हैं।
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इसके अलावा एनसीआर राज्य सरकारें और दिल्ली की सरकार सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय लेगी। राज्य सरकारें अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर विचार कर सकती हैं जैसे कॉलेजों/शैक्षिक संस्थानों और गतिविधियों को गैर-आपातकालीन बंद करना बंद करना, पंजीकरण संख्या के आधार पर सम-विषम आधार पर वाहनों को चलाने की अनुमति देना आदि इस चरण के प्रतिबंध में शामिल हैं।
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इससे पहले दिल्ली में जहरीली हवा के कारण ग्रैप-3 के तहत बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल की कारों के परिचालन और प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कार्यों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। धूल फैलाने वाली गतिविधियों जैसे खुदाई, बोरिंग, ड्रिलिंग, स्ट्रक्चरल कंस्ट्रक्शन, वेल्डिंग वर्क्स, डिमॉलिशन, प्रोजेक्ट साइट से बाहर निर्माण सामग्री की लोडिंग-अनलोडिंग टाइल्स काटने के कामों पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके अलावा ग्राइंडिंग एक्टिविटी, वॉटर प्रूफिंग वर्क, वाइट वॉश, पॉलिशिंग, वॉर्निशिंग जैसे काम पर भी प्रतिबंध है। एनसीआर में स्टोन क्रशर जोन और माइनिंग से जुड़े काम भी पहले से बंद हैं।
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बता दें कि ग्रैप (GRAP) के चार चरण हैं। पहले फेज को लागू करने के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 201 और 300 के बीच होना चाहिए। वहीं, फेज II के लागू होने के लिए AQI 301-400 के बीच होना चाहिए। इसी तरह फेज III उस समय लागू होता है जब AQI का स्तर 401-450 के बीच होता है। वहीं, फेज IV बेहद गंभीर स्थिति होने पर लागू किया जाता है। चौथे फेज के लिए AQI का मानक 450-500 के बीच है। दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीरतम श्रेणी में पहुंच गया।
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