मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में सालों से बंद पड़े साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के भूमिगत कोयला खदान से तीन और युवकों की लाश मिली है। इससे पहले शुक्रवार को चार शव बरामद किए गए थे। अब तक खदान से सात शव बरामद किए जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि यह युवक कोलयला चुराने के मकसद से खदान में घुसे थे। इसी दौरान जहरीली गैस की वजह से इनकी जान चली गई।
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स्थानीय कोयला खदान की बचाव टीम और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। इसके बाद बचान अभियान शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि टीम ने सबसे पहले मुहाने को तोड़कर बड़ा दरवाजा बनाया और उसके बाद जब टीम अंदर गई तो वहां एक दीवार सी नजर आई, फिर उसके बाद उस दीवार को भी तोड़ा गया। करीब पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद खदान से तीन शवों को बाहर निकाल लिया गया।
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26 जनवरी को सातों युवक दो अलग-अलग मुहानों से कोयला खदान में घुसे थे। पुलिस ने बताया कि भूमिगत खदान के अन्दर जहरीली गैस का फैलाव होने से सभी जहरीली गैस के चपेट में आ गए, जिससे सभी की मौत हो गई। राज महतो (20), हजारी कोल (30), राहुल कोल (23) एवं कपिल विश्वकर्मा (21) की मौत हो गई, जबकि उनका एक अन्य साथी सुरंग के बाहर ही खड़ा था, जिसने बाद में इस बारे में पुलिस का जानकारी दी थी। यह लोग धनपुरी के रहने वाले थे। पुलिस के अनुसार, अमलाई थाना इलाके के चीप हाउस निवासी रोहित कोल, चचाई थाना इलाके के राजेश मिश्रा और मनोज बर्मन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
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यह खदान शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर धनपुरी पुलिस थाना इलाके में है। वहीं, पुलिस ने एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ भादंसं की धारा 304-ए के तहत केस दर्ज लिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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