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आचार संहिता से बचने के लिए मोदी के ए-सैट भाषण में डीडी ने जानबूझकर नहीं लगाया लोगो, चुनाव आयोग ने शुरु की जांच

चुनाव आयोग ने इस बात की जांच के लिए एक समिति गठित की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को अपने संबोधन में उपग्रह भेदी मिसाइल (ए-सैट) के सफल परीक्षण की घोषणा कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है या नहीं।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ए-सैट परीक्षण की घोषणा वाले प्रसारण पर जानबूझकर दूरदर्शन का लोगो नहीं लगाया गया? क्या ऐसा चुनाव आचार संहिता से बचने के लिए किया गया? आखिर किसके आदेश पर दूरदर्शन ने बिना लोगो के प्रधानमंत्री का भाषण प्रसारित किया? और सबसे बड़ा सवाल क्या प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन था?

पूरा देश इन सवालों के जवाब जानना चाहता है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बुधवार देर रात खबर दी कि चुनाव आयोग ने इस बात की जांच के लिए एक समिति गठित की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को अपने संबोधन में उपग्रह भेदी मिसाइल (ए-सैट) के सफल परीक्षण की घोषणा कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है या नहीं।

एजेंसी के मुताबिक निर्वाचन उपायुक्त संदीप सक्सेना को इस ससमिति का अध्यक्ष बनाया गया है, हालांकि इस समिति के अन्य सदस्यों और जांच की समय सीमा चुनाव आयोग ने नहीं बताई है। चुनाव आयोग ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि, "आज (बुधवार) दोपहर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रधानमंत्री के संबोधन से जुड़ा मामला भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाया गया है। आयोग ने अधिकारियों की एक समिति को आदर्श आचार संहिता के आलोक में इस मामले की तत्काल जांच करने का निर्देश दिया है।"

अब न्यूज वेबसाइट द प्रिंट ने खबर दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की रिकॉर्डिंग सरकारी चैनल दूरदर्शन (डीडी) न्यूज़ ने की थी, लेकिन जान-बूझकर प्रसारण में दूरदर्शन का लोगो नहीं लगाया गया था। वेबसाइट के मुताबिक ये कदम चुनाव आयोग से बचने के लिए उठाया गया था।

बेवसाइट का कहना है कि प्रसार भारती के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि ये वीडियो डीडी न्यूज ने ही रिकॉर्ड किया था और डीडी और ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के दूसरे चैनलों ने इसे वहां से लिया था। दूरदर्शन और एआईआर, दोनों ही प्रसार भारती के तहत आते हैं। वेबसाइट का कहना है कि लोगो को चुनाव आचार संहिता से बचने के लिए नहीं लगाया गया था, अगर ऐसा होता तो दूरदर्शन को इसके प्रसारणसे पहले चुनाव आयोग की अनुमति लेनी पड़ती।

गौरतलब है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने पर सरकारी मीडिया का इस्तेमाल राजनीतिक खबरों के प्रसार या प्रचार के लिए या ऐसे प्रसारण के लिए नहीं किया जाना चाहिए, जिससे किसी राजनीतिक दल को फायदा हो। वेबसाइट के मुताबिक अब साफ हो गया है कि पीएम मोदी के बुधवार को राष्ट्र को संबोधन के प्रसारण की दूरदर्शन और एआईआर ने चुनाव आयोग से कोई अनुमति नहीं ली थी।

वेबसाइट ने एक उच्चस्तरीय सरकारी सूत्र के हवाले से कहा है कि, “डीडी और एआईआर का ‘प्रधान मंत्री के ए-सैट भाषण से कोई लेना देना नहीं था.’ और ये भाषण यूट्यूब से लिया गया है।“ वेबसाइट ने एक वरिष्ठ डीडी अधिकारी का बयान भी अपनी रिपोर्ट में प्रकाशित किया है, जिसमें लिखा है कि ऐसा प्रसारण ‘अभूतपूर्व था।’ ऐसे भाषणों में आमतौर पर बहुत सारी अनुमति लेनी पड़ती हैं और विभागों और प्रसार भारती में अंदर ही अंदर कई संदेशों का आदान-प्रदान होता है। वेबसाइट के मुताबिक इस अधिकारी ने बताया “पर आतंरिक सूचना के लिए बेसिक फाइल नोटिंग की भी इस प्रसारण के लिए ज़रूरत महसूस नहीं हुई।”

द प्रिंट ने लिखा है कि बुधवार को चुनाव आयोग में इस मामले में एक आंतरिक बैठक हुई, जिसमें चुनाव आयोग के अधिकारियों ने एआईआर के अधिकारियों से पूछा था कि प्रधानमंत्री का भाषण कहां से आया था। एआईआर ने जवाब दिया कि ये वीडियो दूरदर्शन से लिया गया था। वेबसाइट को एक उच्चस्तरीय सूत्र ने बताया कि चूंकि इस वीडियो को डीडी न्यूज़ ने रिकॉर्ड किया था, एआईआर और डीडी को उसी से ये वीडियो लेना पड़ा, और सरकारी संचार माध्यम इतना महत्वपूर्ण भाषण कभी भी निजी कंपनियों से नहीं लेते।

द प्रिंट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि पीएमओ से अचानक निर्देश आए थे कि इस भाषण को रिकॉर्ड किया जाये। एक उच्चस्तरीय सूत्र ने द प्रिंट से कहा कि “डीडी न्यूज़ का लोगो न लगा कर ये दिखाने की कोशिश की गई कि इसकी शूटिंग किसी भी चैनल द्वारा की जा सकती थी। हो सकता है कि ये पीएमओ को चुनाव आयोग से बचाने के लिए किया गया हो।“

ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग में डीडी न्यूज़ का पूरा स्टूडियो है।प्रधानमंत्री के कई भाषण दूरदर्शन की न्यूज़ टीम पहले से रिकॉर्ड करती है और कई बार उसका सीधा प्रसारण किया जाता है। 8 नवंबर, 2016 को जब प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा की थी, वो वीडियो भी पहले से रिकॉर्ड किया गया था और उसे डीडी न्यूज़ पर प्रसारित किया गया था और बाकी चैनल्स ने भी उसे डीडी से लिया था।

द प्रिंट के सूत्रों का कहना है कि इस मामले के तूल पकड़ने के बाद दूरदर्शन में सभी वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई। बैठक में सभी संबंधित विभागों के कर्मचारियों को बुलाकर आगे से इस मामले में विशेष तौर ध्यान रखने की हिदायत दी गई। इसके बाद सभी को सरकार से संबंधित विषयों को लेकर गाइडलाइन भी जारी की गई है।

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