दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। जामा मस्जिद प्रशासन ने आदेश जारी कर मस्जिद में अकेले या लड़कियों के समूह के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
जामा मस्जिद प्रशासन ने मस्जिद के बाहर साइन बोर्ड लगाए हैं, जिन पर हिंदी में लिखा है, मस्जिद में एक लड़की या अकेले लड़कियों का प्रवेश वर्जित है। मस्जिद के तीन प्रवेश द्वारों में से प्रत्येक के बाहर साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
हालांकि, मस्जिद में शादीशुदा जोड़ों या परिवार के प्रवेश पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। एक अन्य साइन बोर्ड पर लिखा है, जामा मस्जिद में संगीत के साथ वीडियो बनाना प्रतिबंधित है।
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लिंग के नाम पर भेदभाव पर सख्त कदम उठाते हुए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह शर्मनाक और संविधान के खिलाफ फैसला है।
डीसीडब्ल्यू ने कहा, आज शाही इमाम ने ऐतिहासिक जामा मस्जिद के बाहर एक बोर्ड लगा दिया है कि अब से लड़कियों को मस्जिद के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। यह शर्मनाक और संविधान के खिलाफ है। वे क्या सोचते हैं कि यह ईरान या इराक है? इबादत करने का जितना हक पुरुष का है, उतना हक स्त्री का भी है।
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इसे तालिबानी व्यवहार करार देते हुए मालीवाल ने कहा कि जामा मस्जिद के शाही इमाम को नोटिस जारी किया गया है। डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश को रोकने का फैसला बिल्कुल गलत है। किसी को भी महिलाओं के प्रवेश पर इस तरह से प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है। किसी भी तरह से प्रतिबंध को हटाया जाएगा।
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