केरल की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने मंगलवार को पुष्टि करते हुए कहा कि कोच्चि के पास इलाज करा रहे युवक की निपाह वायरस (एनआईवी) की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस जांच की पुष्टि पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी ने की।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस आपातकाल से निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
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पिछले साल मई में कोझिकोड और मलाप्पुरम जिलों में निपाह (एनआईवी) वायरस के 22 मामलों में 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद लोगों में इसका भारी डर बैठ गया है। सोमवार को युवक की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। एर्नाकुलम स्वास्थ्य प्रशासन ने कहा कि युवक का इलाज कोच्चि के निकट एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने केरल के लोगों से कहा कि इस विषय में घबराने की कोई जरूरत नहीं है। निपाह वायरस से निपटने के स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सक्षम है। निपाह वायरस से निपटने के लिए एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में अलग से वॉर्ड बना दिया गया है, जहां जरूरत की सभी दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि संक्रमित छात्र के परिजनों के साथ ही उसके संपर्क में आने वाले 86 लोगों को भी चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।
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उधर निपाह वायरस के बारे में बताते हुए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने कहा है कि यह एक नई उभरती बीमारी है। इसे 'निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस' भी कहा जाता है। यह एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति 48 घंटे के भीतर कोमा में पहुंच सकता है। सांस लेने में दिक्कत, सिर में भयानक दर्द और तेज बुखार इस संक्रमण के मुख्य लक्षण हैं।
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