उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों बजरंग बली हनुमान को ‘दलित’ बताया था, जिसके बाद अब हनुमान मंदिरों पर अधिकार को लेकर नई जंग छिड़ गई है। राम भक्त हनुमान को दलित और वंचित बताने पर सीएम योगी को राजस्थान सर्व ब्राह्मण महासभा ने 28 नवंबर को नोटिस भेज कर माफी मांगने की मांग की थी। अब लखनऊ के हनुमान मंदिर में दलित समाज के लोगों ने अपना हक जताना शुरू कर दिया है।
खबरों के मुताबिक, लखनऊ के हजरतगंज में मौजूद दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पर दलितों ने पूजा-अर्चना की और हनुमान चालीसा का पाठ किया। हनुमान मंदिर पहुंचे कई दलितों के हाथों में तख्तियां मौजूद थी, जिस पर लिखा हुआ था, दलितों के देवता बजरंग बली का मंदिर हमारा है। तख्ती लेकर पहुंचे इंद्रजीत ने कहा कि दलितों के देवता बजरंग बली का मंदिर हमारा है। वहीं दलित सेवा उत्थान समिति से जुड़े विजय बहादुर ने कहा, “जब सीएम योगी खुद कह चुके हैं कि बजरंगबली दलित समाज के थे तो मंदिर पर दलित पुजारी की नियुक्ति होनी चाहिए।”
Published: 01 Dec 2018, 5:39 PM IST
इससे पहले शुक्रवार को आगरा में दलित समुदाय के लोगों ने जनेऊ धारण कर मंदिर में हनुमान चालीसा पढ़ी। साथ ही इन लोगों ने दलित को मंदिर का पुजारी बनाने की मांग की। आगरा के प्रदर्शनकारी दलितों ने कहा था कि सीएम योगी ने उनकी आंखें खोल दी और हनुमान जी हमारी जाति के हैं। इन लोगों ने पूरे भारत के हनुमान मंदिर पर दावा ठोकने की बात कही।
Published: 01 Dec 2018, 5:39 PM IST
गौरतलब है कि अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया था। उन्होंने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं।
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Published: 01 Dec 2018, 5:39 PM IST
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Published: 01 Dec 2018, 5:39 PM IST