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चीन की दादागिरी! कोविड परीक्षण में विफल होने पर WHO के 2 सदस्यों को वुहान जाने से रोका

डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया था कि 13 वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने कोविड-19 के कारणों का पता लगाने के लिए वुहान पहुंची है, जहां से वायरस की उत्पत्ति हुई थी। विशेषज्ञों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए दो सप्ताह के क्वांरटीन प्रोटोकॉल के दौरान तुरंत अपना काम शुरू करना था।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

कोविड-19 महामारी के कारणों का अध्ययन करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम गुरुवार को वुहान पहुंची है। चीन ने इस 13 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय टीम के दो सदस्यों को महामारी के केंद्र (एपिसेंटर) वुहान की यात्रा करने पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि सिंगापुर में कोरोनावायरस एंटीबॉडी परीक्षण में असफल होने के बाद सदस्यों पर यात्रा की रोक लगाई गई है।

Published: 15 Jan 2021, 8:38 AM IST

इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया था कि 13 वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने कोविड-19 के कारणों का पता लगाने के लिए वुहान पहुंची है, जहां से वायरस की उत्पत्ति हुई थी। विशेषज्ञों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए दो सप्ताह के क्वांरटीन प्रोटोकॉल के दौरान तुरंत अपना काम शुरू करना था।

Published: 15 Jan 2021, 8:38 AM IST

बाद में डब्ल्यूएचओ ने एक अलग ट्वीट में कहा कि आईजीएम एंटीबॉडी के लिए पॉजिटिव परीक्षण किए जाने के बाद उस टीम के दो सदस्य सिंगापुर में ही हैं। आईजीएम एंटीबॉडी एक कोरोनोवायरस संक्रमण के शुरूआती संभावित संकेतों में से हैं।

डब्लूएचओ ने एक ट्वीट में बताया है कि दो वैज्ञानिक अभी भी कोविड-19 परीक्षण पूरा करने के लिए सिंगापुर में ही हैं।

Published: 15 Jan 2021, 8:38 AM IST

गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि देश महामारी की रोकथाम के नियमों और आवश्यकताओं का कड़ाई से पालन करेगा और डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों के लिए समान समर्थन और सुविधाएं प्रदान करेगा, जो वायरस के मूल स्थान का पता लगाने के लिए चीन पहुंचे हैं।

शुरूआती आनाकानी के बाद और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के आगे झुकते हुए चीन ने डब्ल्यूएचओ की टीम को अपने यहां आने की अनुमति दी है। बीजिंग पर यह आरोप है कि उसके वुहान शहर स्थित लैब से ही वैश्विक महामारी का कारण बनने वाला कोविड-19 वायरस पैदा हुआ और यहीं से पूरी दुनिया में फैल गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले यह आरोप लगाया था और इसे चीनी वायरस करार दिया था

Published: 15 Jan 2021, 8:38 AM IST

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Published: 15 Jan 2021, 8:38 AM IST