श्रीलंका में संकट का दौर जारी है। इसी बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने भी इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। श्रीलंका संकट की स्थिति पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान सामने आया है।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अधिकारिक बयान जारी देते हुए कहा, ''कांग्रेस इस गंभीर संकट की घड़ी में श्रीलंका और उसके लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करती है और आशा करती है कि वे इससे उबरने में सक्षम होंगे। हमें उम्मीद है कि भारत श्रीलंका के लोगों और सरकार की सहायता करना जारी रखेगा क्योंकि वे मौजूदा स्थिति से निपटने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।''
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस श्रीलंका में बदल रही राजनीतिक परिस्थितियों पर चिंतित है और इन पर अपनी नजर बनाए हुए है। आर्थिक चुनौतियों, बढ़ती कीमतों और भोजन, ईंधन तथा आवश्यक वस्तुओं की कमी ने वहां के लोगों के लिए भारी कठिनाईयां और विपत्ति पैदा कर दी है।
कांग्रेस पार्टी इस गंभीर संकट की घड़ी में श्रीलंका और वहां के लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करती है और उम्मीद करती है कि वे इन विपरीत परिस्थितियों से उबरने में सक्षम होंगे। हम आशा करते हैं कि भारत श्रीलंका के लोगों और वहां की सरकार को इन कठिन परिस्थितियों से निपटने में सहायता करना जारी रखेगा।
कांग्रेस पार्टी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी श्रीलंका को हर संभव सहायता और समर्थन देने का आग्रह करती है।
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दूसरी ओर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए हरसंभव मदद और सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने आगे कहा- भारत और श्रीलंका के बीच बेहतर द्विपक्षीय संबंध हैं।
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