राजस्थान में अब अपराधियों की अब खैर नहीं है। राजस्थान सरकार एक नया कानून लाने जा रही है। गैंगस्टर्स के खिलाफ मकोका की तर्ज पर राकोका बनेगा। दरअसल, गहलोत सरकार संगठित अपराधों पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून बनाएगी। इसके लिए बुधवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दी राजस्थान कंट्रोल आफ आर्गनाइज्ड क्राइम विधेयक-2023 का अनुमोदन किया गया। अब यह विधेयक विधानसभा में पारित होगा। अगले सप्ताह इसे सदन में बहस के बाद पारित करवाया जाएगा।
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राकोका के केस की सुनवाई के लिए अलग से कोर्ट होगा। डीएसपी स्तर का अफसर ही राकोका में केस दर्ज करेगा। वहीं जिस अपराधी के खिलाफ पिछले 10 साल में एक से ज्यादा चार्जशीट पेश की गई हो और कोर्ट ने उस पर संज्ञान लिया हो ऐसे अपराधियों को राकोका के दायरे में लिया जाएगा।
बिल के मुताबिक, इन मामलों में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं होगा।विधेयक में गवाहों को सुरक्षा देने और उनकी पहचान गुप्त रखने का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा राजस्थान संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक-2023 में पीड़ित की मृत्यु होने पर अपराधी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास और न्यूनतम एक लाख रुपए के दंड का भी प्रावधान किया गया है।
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आपराधिक गैंग के किसी भी मेंबर को शरण देने वाले के खिलाफ भी नए बिल में कड़े प्रावधान हैं। संगठित अपराध करने वाले अपराधियों को शरण देने वालों को कम से कम पांच साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है, यह सजा उम्र कैद तक भी हो सकती है।
एक्ट के तहत आपराधिक गैंग बनाकर अवैध वसूली, फिरौती, तस्करी सहित किसी भी अवैध तरीके से पैसा और प्रॉपर्टी बनाने पर कम से कम तीन साल की सजा होगी। यह सजा उम्र केद तक की हाे सकती है। सरकार इस तरह की प्रॉपर्टी को जब्त करके नीलाम करेगी।
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