आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे के फार्मूले की खबरों को लेकर बिहार एनडीए में कोहराम मच गया है। बीजेपी और जेडीयू द्वारा सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने की खबरों के आने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और आरएलएसपी ने एक तरह से विद्रोह का मोर्चा खोल दिया है। बिहार के जमूई से सांसद और रामविलास पासवान क बेटे चिराग पासवान ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा है कि सीट शेयरिंग पर कोई भी औपचारिक फैसला नहीं हुआ है। वहीं एलजेपी की बिहार इकाई के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार को साफ शब्दों में कहा कि उनकी पार्टी किसी भी हालत में सात सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि एलजेपी पहले भी सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी और इस बार भी 7 सीटों से कम पर समझौता नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि एलजेपी की लोकप्रियता पहले से काफी बढ़ी है और इसलिए एलजेपी को झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी सीटें चाहिए। हालांकि उन्होंने भी यह कहा कि अभी सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में कहीं कोई चर्चा नहीं हुई है।
वहीं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद ने भी स्पष्ट तौर पर कहा कि किसी भी फॉर्मूले के तहत आरएलएसपी को दो सीटें स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में उनकी पार्टी तीन सीटों पर लड़ी थी और तीनों पर जीत हासिल हुई थी। आज चार साल बाद पार्टी कहीं मजबूत स्थिति में है। ऐसे में दो सीटें स्वीकार कर पार्टी हितों से समझौता नहीं किया जा सकता। हालांकि उन्होंने भी कहा कि सीटों की संख्या पर बात तभी होगी जब सीट बंटवारे पर कोई बात हो अभी सारी बातें सिर्फ हवा में चल रही हैं।
बता दें कि मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। खबर के मुताबिक सीट बंटवारे के फार्मूले के तहत अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी 17 और जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं राम विलास पासवान की एलजेपी को 5 और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी के हिस्से में 2 सीटें आई हैं। खबरों के अनुसार सीट बंटवारे पर औपचारिक ऐलान बाद में होगा। बताया गया कि बीजेपी, एलजेपी और आरएलएसपी तीनों ने ही पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कुछ सीटें जेडीयू के लिए छोड़ी हैं।
उधर इस पूरे मामले पर नीतीश कुमार के करीबी और जेडीयू के महासचिव संजय झा ने कहा है कि उनकी पार्टी को आरएलएसपी और एलजेपी से समझौता नहीं करना है, बल्कि बीजेपी ये काम करेगी। हालांक संजय झा ने साफ नहीं कहाल लेकिन संकेत दिया कि अगर एलजेपी को पांच और आरएलएसपी को दो सीटें मिलती हैं तो बाकी 33 सीटों में 17 पर बीजेपी और 16 पर जेडीयू चुनाव लड़ेगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर आरएलएसपी गठबंधन से हटने का फैसला करती है तो उसके खाते की दो सीटें दोनों बड़े दलों में बंट जाएंगी। उन्होंने कहा कि दिवाली से पहले सीट बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी।
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इससे पहले 16 सितंबर को पटना में जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में ही नीतीश कुमार ने ये कह कर एनडीए के घटक दलों में सनसनी फैला दी थी कि बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर सम्मानजनक समझौता हुआ है। हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया था। तभी से इस तरह के कयास लगाए जाने लगे थे कि बीजेपी औऱ जेडीयू में सीटों का बंटवारा तय हो गया है। अब मीडिया में चल रही खबरों पर यकीन करें तो इस सीट बंटवारे से बिहार एनडीए के दो अहम घटक दलों एलजेपी और आरएलएसपी को सीधा नुकसान होता दिख रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 30, एलजेपी ने 7 और आरएसएलपी ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से बीजेपी ने 22, एलजेपी ने 6 और आरएसएलपी ने तीनों सीटें जीती थीं। वहीं जेडीयू ने अलग चुनाव लड़ा था।
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