जोशीमठ में भू धंसाव के कारण शहर खतरे में है। कई घरों और होटलों को तोड़ने का ऐलान भी कर दिया गया है। इसका असर भरतीय सेना के परिसर पर भी पड़ा है। आर्मी चीफ मनोज पांडे गुरुवार को बताया कि जोशीमठ में मौजूद भारतीय सेना की 25 से 28 इमारतों में भी दरारें आई हैं। उन्होंने बताया कि सैनिकों को अस्थायी तौर पर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। सेना प्रमुख ने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो सैनिकों को स्थायी रूप से औली शिफ्ट कर दिया जाएगा।
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आर्मी चीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, जहां तक जोशीमठ से माणा जाने वाली रोड की बात है, तो वहां कुछ दरारें आई हैं। बीआरओ इसे ठीक कर रहा है। हालांकि, इससे हमारी ऑपरेशनल रेडीनेस पर कुछ असर नहीं पड़ा है। गौरतलब है कि जोशीमठ भारत के लिए रणनीतिक तौर पर भी काभी अहम झेत्र है। यहां से चीन सीम की दूरी 100 किमी से भी कम है। ऐसे में यहां सेना और आईटीबीपी के जवानों की तैनाती है।
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स्थिति की नजाकत को समझते हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ के दौर पर हैं। उन्होंने गुरुवार को यहां अधिकारियों के साथ बैठक की। इससे पहले बुधवार रात सीएम धामी ने प्रभावित मकानों और राहत शिविर का दौरा किया।
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जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 723 भवन असुरक्षित चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। जल्द ही इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी।
चमोली जिला प्रशासन की ओर से यहां से परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है। प्रशासन की ओर से अब तक विभिन्न संस्थाओं-भवनों में कुल 344 कमरों का अधिग्रहण किया गया है। इनमें 1425 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है।
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