हुआ कुछ इस तरह की मंगलवार सुबह तमिलनाडु की रहने वाली लुई सोफिया नाम की 25 वर्षीय युवती
विमान में तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन के साथ ही सफर कर रही थीं और तूतीकोरिन पहुंची थी। सुंदरराजन जैसे ही अपना सामान लेने लगेज बॉक्स के पास पहुंचीं, युवती ने 'फासिस्ट बीजेपी गवर्नमेंट डाउन-डाउन' के नारे लगाने शुरू कर दिए। नारेबाजी पर सुंदरराजन और सोफिया के बीच हल्की बहस भी हुई। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष सुंदरराजन एयरपोर्ट पर एक महिला पुलिस कर्मी से बहस कर रही हैं। महिला पुलिस कर्मी उन्हें बता रही है कि आप यहां बैठों, वह छोटी लड़की है जाने दीजिए। लेकिन तमिलिसाई सुंदरराजन उस लड़की की तरफ बढ़ने की कोशिश करती दिखाई देती हैं। वह कह रही हैं कि यह कोई सार्वजनिक जगह नहीं है जहां वह ऐसे नारे लगा सके।
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इसके बाद सुंदरराजन की शिकायत पर पुलिस ने सोफिया को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में कोकिराकुलम जेल भेज दिया गया। लेकिन बाद में तूतीकोरिन की एक अदालत ने मंगलवार को ही लुई सोफिया को जमानत दे दी।
इस बीच एक न्यूज चैनल से बात करते हुए सोफिया के पिता ने कहा कि इस घटना के बाद से उन्हें मारने की धमकियां मिल रही हैं जिसकी उन्होंने पुलिस से शिकायत की है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही।
सोफिया की गिरफ्तारी के साथ ही अदालत के आदेश की भी राज्य में व्यापक रूप से निंदा की गई। सोफिया पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत सार्वजनिक उपद्रव मचाने और तमिलनाडु शहर पुलिस अधिनियम के तहत एक लोकसेवक के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।
सोफिया को जमानत दिए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तमिलनाडु सरकार से युवती के खिलाफ दाखिल मामले को वापस लेने का आग्रह किया और बीजेपी के उन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने के कहा, जिन्होंने उसके परिवार को धमकाया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार बीजेपी की शह पर अराजकता का काम कर रही है, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को सरकार की आलोचना करने का पूरा अधिकार है।
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वहीं कांग्रेस ने इस घटना को अघोषित आपात काल की संज्ञा दी है। कांग्रेस ने कहा कि 2014 से ही देश में ऐसी घटनाएं लगातार होती रही हैं, जहां बीजेपी के खिलाफ बोलने पर पाबंदी लगाई जा रही है। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी लगातार यही बताती रही है कि देश में सिर्फ आरएसएस और बीजेपी की ही आवाज़ सुनी जाएगी और बाकी आवाज़ें उठाने वालों को जेल भेज दिया जाएगा।
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अभिनेता और एक्टिविस्ट प्रकाश राज ने भी इस मुद्दे पर कहा है कि, “सोफिया तुम्हें पता होना चाहिए था कि वे किसी को भी गाली दे सकते हैं, फर्जी खबर बना सकते हैं, झूठ फैला सकते हैं, सबको बुरा भला कह सकते हैं, लेकिन उन्हें जब उनके असली नाम से पुकारा जाता है तो उन्हें बुरा लग जाता है....”
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वहीं अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने भी इस मामले में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर नेता सार्वजनिक तौर पर आलोचना नहीं सह सकते तो वे बाहर क्यों घूम रहे हैं। असली दोषी वे हैं, उन्हें जेल में होना चाहिए।
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