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अर्थव्यवस्था पर निर्मला के बयान से देश हैरान, संकट समझने में विफल सरकार अब युवाओं को ठहरा रही है जिम्मेदार

सीतारमण और पीयूष गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मंत्रियों के बयानों ने देश को चौंका दिया है। वे संकट के लिए युवाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वित्त मंत्री द्वारा इस संकट के लिए युवा पीढ़ी को जिम्मेदार ठहराया जाना देशवासियों के साथ मजाक है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही है। हालात यह है कि वितमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक महीने के अंदर चार बार प्रेस कांफ्रेंस कर अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने की कोशिश कर की है, लेकिन नतीजे अभी भी कोसो दूर है। ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समाधानरहित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश में आर्थिक संकट को देखते हुए उम्मीद थी कि सरकार अर्थव्यवस्था की बेहतरी और विश्वास बहाल करने के लिए कदम उठाएगी। मगर वित्त मंत्री ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।

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उन्होंने आगे कहा, “यह सरकार और वित्त मंत्री इस आर्थिक संकट का सही रूप में आंकलन नहीं कर पा रहे। उनके पास न तो क्षमता है और न ही दृष्टि।” उन्होंने आगे कहा, “जीडीपी कम होकर 5% तक आ गई। रोजगार लगातार कम हो रहे हैं। अकेले ऑटो मोबाइल सेक्टर में 38% की कमी आई है। यात्री वाहनों में 41%, दोपहिया वाहनों के निर्माण में 22% की कमी आई है। इस सेक्टर में 21 साल का सबसे बड़ा संकट आया है।” उन्होंने आगे कहा कि देश में कारखानों के मजदूर और इंजीनियर्स की नौकरी जा रही है। साथ ही टॉप लेवल के मैनेजर्स की नौकरी खत्म हो रही है।

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सीतारमण और पीयूष गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मंत्रियों के बयानों ने देश को चौंका दिया है। वे संकट के लिए युवाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री कहती हैं कि युवाओं की वजह से देश में अर्थव्यवस्था टूटी है। ऑटो सेक्ट सेक्टर उनकी वजह से डाउन है। अगर घर नहीं बिक रहे, कर्ज नहीं लेना चाहते, तो उनकी वजह से। इतना बड़ा अपमान पहले किसी वित्तमंत्री ने देश के लोगों का नहीं किया। वित्त मंत्री द्वारा इस संकट के लिए युवा पीढ़ी को जिम्मेदार ठहराया जाना देशवासियों के साथ मजाक है।”

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उन्होंने आगे कहा, “इस संकट से उबरने के लिए सरकार द्वारा निवेश किया जाना बेहद जरूरी है। मगर आज सरकार के पास राजस्व नहीं है। सरकार का राजस्व संकलन लक्ष्य के मुकाबले एक तिहाई चल रहा है। पिछले साल 1.70 लाख करोड़ रुपये सरकार के पास कम टैक्स आया। इस बार सरकार का करीब 24.6 लाख करोड़ टैक्स रैवन्यू का टारगेट है। इसमें से अभी तक सिर्फ 5.4 लाख करोड़ ही आया है।”

आनंद शर्मा ने कहा, “सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी तक पहुंचने की बात करते हैं। सरकार के पास ऐसी कौन-सी जादू की छड़ी है कि सरकार अगले 4 साल तक यहां पहुंच जाएगी। यहां तक पहुंचने के लिए सरकार को हर साल निरंतर 9 फीसदी की ग्रोथ चाहिए।”

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