देश भर में कोरोना वायरस से मचे दहशत के बची एक अच्छी खबर लखनऊ से सामने आई है। शहर में कोरोना वायरस के पहले मामले में कनाडा रह रही एक 35 वर्षीय महिला डॉक्टर को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। मरीज के दो टेस्ट नकारात्मक आने के बाद उसे शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एम.एल भट्ट ने कहा कि कोविड-19 को लेकर शहर के पहले मामले में महिला को 8 मार्च को भर्ती कराया गया था।
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महिला का पहला टेस्ट शुक्रवार रात और दूसरा शनिवार रात को कराया गया था, दोनों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि नहीं होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उसे स्वस्थ घोषित करने और आम जीवन व्यतीत करने से पहले अगले 14 दिनों के लिए एकांतवास में रहने की सलाह दी गई है। कुलपति ने यह भी कहा कि कोविड-19 संक्रमण की पुनरावृत्ति पर नजर रखने के लिए महिला के कोरोनोवायरस संक्रमण के परीक्षण अगले कुछ दिनों तक जारी रहेंगे।
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उन्होंने कहा, "महिला का स्वस्थ होना विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ-साथ शहर के लोगों के लिए भी एक बड़ी मनोबल बढ़ाने वाली खबर है।"
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गौरतलब है कि महिला 1 मार्च को अपने डॉक्टर पति और दो साल के बेटे के साथ गोमती नगर स्थित अपने माता-पिता के घर आई थी। महिला में सात मार्च को कोविड-19 के लक्षण दिखाई दिए थे, जिसके बाद उसे तुरंत किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया। बाद में टेस्ट में वह कोरोनावायरस से संक्रमित पाई गई।
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महिला के पति, बच्चे और परिजनों के टेस्ट में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, एक चचेरी बहन जिसके साथ वह संपर्क में आई, उसमें कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई । वर्तमान में केजीएमयू में उसका इलाज चल रहा है।
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