दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के पूर्व और वर्तमान सदस्यों ने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि राजधानी में फ्रंटलाइन कोरोना वायरस योद्धाओं को तीन-चार महीने से वेतन नहीं मिला है। अनिल बैजल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि ऐसे संकट में दिल्ली सरकार की ओर से नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए धनराशि जारी नहीं करना 'अमानवीय और अनुचित' है। पत्र की प्रति मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी भेजी गई है।
पत्र में चुनाव आयोग के पूर्व सदस्य ए के भगी, आई एम कपाही, एन के कक्कड़, नरेश बेनीवाल के साथ वर्तमान सदस्य वी एस नेगी और राजेश गोगना ने जल्द वेतन जारी करने की वकालत की है। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल से आग्रह किया है कि वे दिल्ली सरकार से तीनों नगर निगमों को वेतन देने के लिए फंड जारी करने को कहें।
पत्र में कार्यकारी परिषद सदस्यों ने कहा, "यहां तक कि कोरोना वायरस योद्धाओं, डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य और प्रयोगशाला कर्मचारियों और सेनेटरी कर्मचारियों को भी तीन-चार महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इसी तरह, सार्वजनिक वितरण प्रणाली ड्यूटी पर स्कूल शिक्षकों को भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। इनके अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी अब तक पेंशन नहीं मिली है।"
उन्होंने कहा कि वेतन नहीं मिलने से डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ को भी भारी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने तो सरकार को उनकी तनख्वाह जारी करने के लिए पांच दिन का अल्टीमेटम जारी किया है और कहा है कि अगर सैलरी नहीं मिलती है तो वे मास इस्तीफा देंगे।
इससे पहले, डीयू के वर्तमान और पूर्व परिषद सदस्यों ने डीयू के पूरी तरह से फंडेड 12 कॉलेजों को अनुदान जारी न करने के लिए दिल्ली सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने कहा था किबार-बार याद दिलाने के बावजूद इन कॉलेजों के लगभग 2500 शिक्षकों और कर्मचारियों को केवल आंशिक वेतन का भुगतान किया गया है।
Published: 13 May 2020, 10:11 PM IST
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Published: 13 May 2020, 10:11 PM IST