देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच 49 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस खतरे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है, जबकि गुरुवार तक देश में कोरोना संक्रमण का मामला 12 लाख पार कर गया। आईएएनएस-सीवोटर कोविड-19 ट्रैकर से पता चला कि 49.3 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस महामारी के खतरे को हौवा बनाया गया, जबकि 41.2 प्रतिशत लोग इससे इनकार करते हैं। यह पोल 16 मार्च से 22 जुलाई के बीच देशभर में 1,723 लोगों पर किया गया।
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आश्चर्यजनक रूप से जब पहली बार लॉकडाउन लागू किया गया था, उस दिन अधिकतर लोगों का मानना था कि स्थिति को बढ़ाया जा रहा है। 23 मार्च को 23.53 प्रतिशत लोगों का मानना था कि यह खतरा सामान्य है, जबकि 33.1 प्रतिशत लागों का मानना था कि यह खतरा गंभीर है।
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वहीं 10 दिन बाद, जब देश घरों में कैद हो गया, इस महामारी को खतरा मानने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई। 1 जून को, जब देश अनलॉक 1.0 में प्रवेश कर रहा था, 53.2 प्रतिशत लोग ऐसा मान रहे थे। इस बीच, अनलॉक-2.0 के पहले दिन.ऐसे लोगां की प्रतिशत में थोड़ी कमी आई, जो कि 48 प्रतिशत रहा। 22 जुलाई को हालांकि यह प्रतिशत घटकर 41.2 रह गया।
हालांकि, कोरोना को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया..ऐसा मानने वाले लोगों का ग्राफ लॉकडाउन के शुरुआत में ज्यादा था। इसमें 9 मई को कमी आई और फिर 8 जून को बाद भी कमी आई।
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