बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में भले ही बढ़ोतरी दर्ज की जा रही हो लेकिन अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण है। आंकड़ों के मुताबिक, अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में ही हैं। इधर, सरकार और स्वास्थ्य विभाग राज्य में कोरोना से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है।
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स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 98 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में हैं। विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी कहते हैं कि "राज्य में बुधवार सक्रिय मरीजों की संख्या 3697 है लेकिन करीब 98 प्रतिशत संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं। कोरोना के तीसरे चरण में हल्के लक्षण के मरीज आ रहे हैं।"
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स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में प्रतिदिन 2 लाख नमूनों की जांच करने का लक्ष्य रखा गया है। एयरपोर्ट और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर जांच आदि की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि आक्सीजन की कोई कमी नहीं हो, उसके लिए भी पिछली बार के कोरोना के पीक टाइम से 130 गुणा ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध कराई जा रही है।
सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 450 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। सभी बेडो को आक्सीजन से जोड़ दिया गया है।
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इधर , राज्य स्वास्थ्य समिति के मुताबिक गुरुवार से होम आइसोलेशन वाले मरीजों के घरों तक डाक विभाग की सहायता से आवश्यक दवा भेजी जाएगी। हालांकि समिति का मानना है कि कुछ मामलों में मरीजों के पता और मोबाइल नंबर गलत मिल रहे हैं।
समिति का दावा है कि पिछली बार की तरह इस बार भी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधा की जानकारी मोबाइल एप से दी जाएगी। राज्य में अक्सीजनयुक्त 12 हजार बेड फिलहाल उपलब्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को राज्य में 1659 नए मरीजों की पुष्टि हुई थी, जिसमे केवल पटना में 1015 नए मरीज मिले थे। राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 3697 हो गई। राज्य में 200 से अधिक डाक्टर भी अब तक संक्रमण के शिकार हो चुके हैं।
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