अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। पत्र में महासचिव ने कहा, “कोरोना महामारी ने आज ज्यादातर क्षेत्रों की कमर तोड़ दी है। प्रदेश का हर एक तबका इस आपदा और इसके आर्थिक व सामाजिक दुष्प्रभावों से परेशान है। कोरोना आपदा की वजह से कई ऐसे आर्थिक और सामाजिक स्तर के मुद्दे हैं जिन पर तुरंत ध्यान देने से आम जन को बहुत राहत मिलेगी।”
Published: 17 Apr 2020, 11:40 AM IST
उन्होंने किसानों की समस्याओं पर पत्र में लिखा है कि किसानों की गेहूं की फसल की कटाई का समय चल रहा है। किसान बुरी तरह से परेशान हैं कि कटाई कैसे होगी। प्रदेश में कम्बाइन मशीनों से कटाई की इजाजत भी दे दी है लेकिन अभी तक कम्बाइन मशीनों के मालिक प्रशासन से भयभीत हैं। ज्यादातर इन मशीनों के चालक दूसरे प्रदेशों से आते हैं। उनके आने की व्यवस्था की जाए। सही सूचना के अभाव में और जुर्माने के डर से किसान रात-बिरात गेहूं काट रहे हैं।
Published: 17 Apr 2020, 11:40 AM IST
उन्होंने पत्र में गन्ना किसानों का बकाया तत्काल भुगतान करने के साथ ही साथ आगामी फसल की खरीद की गारंटी करने की बात लिखी है। आगे उन्होंने पत्र में लिखा है कि विगत दिनों में उत्तर प्रदेश के किसानों के ऊपर ओलवृष्टि और बेमौसम बारिश की मार पड़ी थी। उत्तर प्रदेश सरकार मुआवजा देने की भी घोषणा की थी, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने ओलावृष्टि और बारिश से हुई फसलों की बर्बादी का मुआवजा सभी किसानों को तुरंत दिए जाने की बात पत्र में प्रमुखता से लिखा है। ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।
Published: 17 Apr 2020, 11:40 AM IST
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी अपने साथ एक आर्थिक तबाही भी लेकर आई है। उत्तर प्रदेश का कांच उद्योग, पीतल उद्योग, कालीन उद्योग, बुनकरी, फ़र्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी-हेचरी उद्योग, अन्य घरेलू उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। प्रदेश के लाखों बुनकरों की हालत अत्यंत खराब है। देश और प्रदेश में एक आर्थिक इमरजेंसी की स्थिति पैदा हो गई है।
Published: 17 Apr 2020, 11:40 AM IST
उन्होंने मजदूरों और छोटे उद्योगों की बदतर हो रही स्थिति पर मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए लिखा है कि प्रदेश के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अर्थशास्त्र और योजना निर्माण के जाने माने विशेषज्ञों की एक ‘आर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्स’ गठित की जाए। इस आपदा के साथ आने वाली आर्थिक सुनामी से मुकाबला करने के लिए इस टास्कफोर्स का काम आर्थिक पुनर्निमाण का रास्ता तैयार करना होगा।
प्रियंका गांधी ने पत्र में मुख्यमंत्री को आगाह किया है कि अभी भी बहुत मजदूर परिवारों को राशन व नकदी की किल्लत है। काफी मजदूरों का पंजीकरण न होने से उनको किसी भी राहत योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि बिना पंजीकृत मजदूरों को भी आर्थिक मदद की गारंटी की जाए।
Published: 17 Apr 2020, 11:40 AM IST
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कई जगह राशन न मिलने की शिकायतें आ रहीं हैं बिना राशनकार्ड धारकों को भी राशन देने की गारंटी की जाए और राशन में चावल के साथ गेंहू, दाल, तेल, नमक और मसाला पाउडर भी दिया जाए।
Published: 17 Apr 2020, 11:40 AM IST
प्रियंका गांधी ने मनरेगा मजदूरों के संदर्भ में पत्र में लिखा है कि सक्रिय मनरेगा मजदूरों को फ्री में राशन मिल रहा है, यह सराहनीय पहल है। किंतु उनको कोई आर्थिक राहत नहीं मिली है। उन्होंने पत्र में कहा है कि मनरेगा मजदूरों के लिए घोषित 611 करोड़ रुपया उनका पिछला बकाया था। अब जरूरी है कि मनरेगा मजदूरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए। पत्र के अंत में उन्होंने कहा है कि इस आपदा के समय आम जनों को सहूलियत देकर प्रदेश में इस आपदा के असर को कम करने में इन कदमों पर गौर करना बहुत जरुरी है।
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Published: 17 Apr 2020, 11:40 AM IST
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Published: 17 Apr 2020, 11:40 AM IST