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झारखंड में अपना किला मजबूत करने में जुटी कांग्रेस, दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की हुई घर वापसी

कांग्रेस में वापस आए दोनों नेताओं ने कहा कि वे आखिरी सांस तक अब कांग्रेसी रहेंगे और पार्टी को मजबूत करने में जुटेंगे। इस मौके पर झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सुबोधकांत सहाय, पूर्वोत्तर प्रभारी डॉ अजय कुमार सहित कई कांग्रेसी मंत्री भी उपस्थित रहे।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

झारखंड में कांग्रेस इन दिनों अपनी किलाबंदी मजबूत करने में जुटी है। इसी कवायद के तहत सोमवार को कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी छोड़ने वाले दो कद्दावर नेताओं सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू को एक बार फिर से पार्टी में शामिल कराया। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान इन दोनों ने पार्टी छोड़ दी थी। सुखदेव भगत जहां बीजेपी में शामिल हुए थे, वहीं प्रदीप बलमुचू आजसू पार्टी में चले गए थे।

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प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इन दोनों नेताओं की घर वापसी का एलान किया। सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू दोनों पूर्व विधायक हैं और दोनों ही झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। दोनों को ही प्रदेश में कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता रहा है।

झारखंड कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी अविनाश पांडेय ने इस मौके पर कहा कि पार्टी के मजबूत और निष्ठावान सिपाही रहे दोनों नेताओं ने स्वीकार किया है कि पिछले चुनाव के दौरान उनसे भूल हुई थी। दोनों को इसका पाश्चाताप है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी की सहमति पर इनकी घर वापसी हुई है। इनके आने से पार्टी प्रदेश में और मजबूत होगी।

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कांग्रेस में शामिल हुए दोनों नेताओं ने भी कहा कि वे आखिरी सांस तक अब कांग्रेसी रहेंगे और पार्टी को मजबूत करने के मिशन में जुटेंगे। इस मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, कांग्रेस के पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी डॉ अजय कुमार सहित झारखंड सरकार में शामिल कई कांग्रेसी मंत्री भी उपस्थित रहे।

इसके पहले झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय और सह प्रभारी उमंग सिंघार ने बीते 29 और 30 जनवरी को पार्टी के सभी विधायकों और विभिन्न जिलों की कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों और प्रमुख नेताओं के साथ कई मैराथन बैठकें कीं। जोर इस बात पर रहा कि राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के साथ पार्टी पूरी तरह से इंटैक्ट रहे।

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हालांकि, विधायकों और कई नेताओं ने अपनी ही सरकार के कई निर्णयों पर असहमति जतायी। कई विधायकों की शिकायत थी कि सरकार में उनकी मांगों और अपेक्षाओं को तवज्जो नहीं दी जा रही। कई विधायकों ने अपनी ही पार्टी के मंत्रियों के कामकाज पर भी सवाल उठाये। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने ऐसे विधायकों और नेताओं को आश्वस्त किया कि उनका दर्द सरकार से साझा करेंगे और बेहतर तालमेल के लिए को-ऑर्डिनेशन कमेटी को प्रभावी बनाया जाएगा।

इन बैठकों के बाद सोमवार को अविनाश पांडेय ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राज्य की गठबंधन सरकार में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम प्रभावी तरीके से लागू हो और आम कांग्रेसियों और जनता की अपेक्षाएं पूरी हों, इस पर हम सभी का जोर है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस में किसी भी तरह की टूट की आशंका से इनकार करते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस की ताकत समर्पित नेता और कार्यकर्ता हैं।

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