दिल्ली हिंसा पर लोकसभा में चर्चा की मांग को लेकर हुए हंगामे के बीच कांग्रेस के सात लोकसभा सांसदों को इस वर्तमान बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। कांग्रेस के सात निलंबित सांसदों में गौरव गोगोई, पीएन प्रथापन, डीन कुरीकोस, आर उन्नीथन, मनिकम टैगोर, बेनी बेहन और गुरजीत सिंह औजला के नाम शामिल हैं। कांग्रेस ने इसे संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी वाला फैसला करार दिया है।
पार्टी के सात सांसदों को निलंबित करने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “यह सरासर तानाशाही है। सरकार नहीं चाहती कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो। एक साथ 7 सांसदों के निलंबन का साफ मतलब है कि दिल्ली दंगो पर चर्चा में विपक्ष कमजोर हो जाए। चौधरी ने कहा, दिल्ली दंगों पर चर्चा कराने से सरकार डरती है और हमारी आवाज बंद करने के लिए इस तरह का तानाशाहीपूर्ण फैसला सरकार ने लिया है। ये फैसला सरकार ने लिया है, ये स्पीकर का फैसला नहीं है।”
Published: undefined
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सुबह लोकसभा स्पीकर ने हम लोगों को बुलाकर कहा कि कोरोना वायरस के बारे में सदन में सरकार एक बयान देना चाहती है। आप इस बयान पर कोई और सुझाव हो तो दे सकते हैं। चौधरी के अनुसार, हम लोग फौरन इस पर राजी हो गए, क्योंकि कोरोना वायरस, हिंदुस्तान के आम लोगों के लिए एक विकराल समस्या बनता जा रहा है, इसलिए हमने इस विषय पर सरकार के बयान में सहयोग किया और हमारे जो सुझाव थे, हमने वो सुझाव भी दिए।
चौधरी ने बताया कि बयान के बाद जब सदन चलने लगा तो हमने एक बार फिर दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग उठाई। सत्ता पक्ष की ओर से इस दौरान श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी जी के बारे में लगातार गाली-गलौज और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जाता रहा, फिर भी हम लोगों ने प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि हमारी प्राथमिकता थी कि दिल्ली दंगो की चर्चा सदन में हो। चौधरी ने कहा कि हमारा तर्क था कि सरकार 11 मार्च को चर्चा कराने पर सोच रही है, तो हमने कहा कि जब चर्चा 11 मार्च को हो सकती है, तो पहले क्यों नहीं?
Published: undefined
कांग्रेस नेता ने कहा, आज सदन में बदले की भावना देखने को मिली। हमारे 7-7 सांसदों को एक साथ सारे सेशन के लिए निलंबित कर दिया गया, वो भी एक चेयरमैन द्वारा, क्योंकि स्पीकर साहब नहीं थे। एक साथ इतने सांसदों के सस्पेंशन का साफ मतलब है कि दिल्ली दंगो पर चर्चा में हम कमजोर हो जाएं, क्योंकि दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने से सरकार डरती है और हमारी आवाज को रोकने और बंद करने के लिए ये फैसला सरकार ने खुद लिया। हम जानते हैं कि सदन के मामलों में स्पीकर सर्वेसर्वा होते हैं। लेकिन आज सदन के अंदर क्या होगा, क्या नहीं होगा, वो भी सरकार तय कर रही है।
Published: undefined
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सात-सात सांसदों को सारे सेशन के लिए निलंबित करना, सही है या नहीं, ये हिंदुस्तान के लोग जरुर पूछेंगे। लेकिन हम किसी भी हालत में डरने वाले नहीं हैं। हम कांग्रेस के कार्यकर्ता डरने वाले नहीं है, हमारे सात सांसदों को निलंबित करते हुए अगर वो सोचते हैं कि हम दिल्ली दंगो के बारे में चर्चा की मांग नहीं करेंगे, तो ऐसा नहीं होगा। हम किसी भी हालत में ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारा ये संघर्ष सरकार के खिलाफ जारी रहेगा। सदन के अंदर और सदन के बाहर भी दंगाईयों के खिलाफ इस सरकार की नाकामियों को हम बार-बार उजागर करते रहेंगे। हमें डराकर, धमकाकर हमारी बात रखने से रोका नहीं जा सकता है, हम उनकी साजिशों को कामयाब किसी भी हालत में नहीं होने देंगे।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined