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'थाली से ‘टॉप’ नदारद', टमाटर, आलू, प्याज के दामों को लेकर कांग्रेस का प्रधानमंत्री पर निशाना

कांग्रेस नेता ने मंगलवार को खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने के कारण महंगाई में वृद्धि को लेकर चिंता व्यक्त की थी और सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में वह खाद्य पदार्थों की कीमतों को मुद्रास्फीति के आकलन से बाहर कर सकती है।

टमाटर, आलू, प्याज के दामों को लेकर कांग्रेस का प्रधानमंत्री पर निशाना
टमाटर, आलू, प्याज के दामों को लेकर कांग्रेस का प्रधानमंत्री पर निशाना फोटोः सोशल मीडिया

टमाटर, प्याज और आलू के अधिक मूल्यों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उनके एक पुराने वीडियो के माध्यम से निशाना साधते हुए कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि मोदी की नीतियों की विफलता के कारण गरीब की थाली से ‘टॉप’ नदारद है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर मोदी का एक वीडियो साझा किया जिसमें वह भारतीय परिवारों में ‘टॉप’ (इन तीनों सब्जियों) के महत्व के बारे में बात कर रहे थे।

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उन्होंने टमाटर (टोमेटो का ‘टी’), प्याज (ऑनियन का ‘ओ’) और आलू (पोटेटो का ‘पी’) के लिए ‘टॉप’ शब्द का इस्तेमाल किया गया।

रमेश ने कहा, ‘‘यह कैसी ‘टॉप’ प्राथमिकता है प्रधानमंत्री जी? आपने जिनके दाम प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखने की बात कही थी उनके दाम आसमान छूते जा रहे हैं। इनकी वजह से सब्जियों की महंगाई दर 42 प्रतिशत तक पहुंच गई है। टमाटर की महंगाई दर 161.3 प्रतिशत, आलू की महंगाई दर 64.9 प्रतिशत और प्याज की 51.8 प्रतिशत है।’’

रमेश ने कहा, ‘‘आपकी नीतियों की नाकामी की वजह से ‘टॉप’ गरीब की थाली से गायब हो रहा है।’’

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कांग्रेस नेता ने मंगलवार को खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने के कारण महंगाई में वृद्धि को लेकर चिंता व्यक्त की थी और सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में वह खाद्य पदार्थों की कीमतों को मुद्रास्फीति के आकलन से बाहर कर सकती है।

रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘खाद्य मुद्रास्फीति अब दोहरे अंक में पहुंच गई है। अक्टूबर में सब्जियों की कीमतों में 42.18 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मुंबई जैसी जगहों पर प्याज अब 80 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंची कीमत पर बिक रहा है। खुदरा मुद्रास्फीति अब रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘यह सब सुस्त खपत, निवेश में कमी, स्थिर वास्तविक मजदूरी और व्यापक बेरोजगारी के साथ हो रहा है। जब खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि का सामना करना पड़ता है, तो सरकार का जोर केवल खाद्य पदार्थों की कीमतों को मुद्रास्फीति के आकलन से बाहर करने पर होता है।’’

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 6.21 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने यानी सितंबर में 5.49 प्रतिशत थी। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है। इस तरह खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर के ऊपर निकल गई है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत थी।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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