कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर शनिवार को एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा और इस मुद्दे पर एक सार्वजनिक बहस कराने तथा मामले की गहन जांच कराने की मांग की। कांग्रेस ने सरकार पर रक्षा खरीद प्रक्रिया को नजरंदाज करने और सौदे को लेकर वरिष्ठ मंत्रियों को गफलत में रखने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार पर काफी महंगे दाम पर विमान सौदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार ने यूपीए सरकार के कार्यकाल के मुकाबले तीन गुना से भी ज्यादा कीमतों पर विमान का सौदा किया।
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में चिदंबरम ने कहा, “हमारा मानना है कि मसला काफी गंभीर है, इसलिए इस पर सार्वजनिक बहस होनी चाहिए। साथ ही, मामले की गहन जांच होनी चाहिए। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी ने मसले को उठाया है।”
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने 126 राफेल विमान का सौदा किया था, जिनमें 18 विमान तैयार अवस्था में और बाकी 108 का विनिर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत भारत में बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा किया जाना था।
उन्होंने कहा, “एक विमान का सौदा 526 करोड़ रुपये में किया गया था। अगर 18 विमानों के बदले 36 विमान भी खरीदते तो इस कीमत पर उसका कुल मूल्य 18,940 करोड़ रुपये होता।” लेकिन 2014 में यूपीए के सत्ता से बाहर होने के बाद एनडीए की सरकार बनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस के अपने आधिकारिक दौरे के दौरान 36 राफेल विमान की खरीद का करार करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा, “हालांकि विमान की कीमत नहीं बताई गई, मगर दसॉल्ट एविएशन के कागजात के आधार पर बाद में आई रिपोर्ट में विमान की कीमत 7.5 अरब यूरो बताई गई है, जो कि तकरीबन 60,145 करोड़ रुपये के बराबर है।”
Published: 25 Aug 2018, 5:14 PM IST
उन्होंने बताया कि यूपीए सरकार के दौरान जहां एक विमान का सौदा 526 करोड़ रुपये में हुआ था, वहीं प्रधानमंत्री के दौरे के समय एक विमान का सौदा 1,670 करोड़ रुपये में किया गया। इस प्रकार 36 विमानों का कुल मूल्य 60,145 करोड़ रुपये हो गया।
उन्होंने कहा, “अगर ये आंकड़े सही हैं तो क्या कोई बताएगा कि कीमतों में तीनगुनी वृद्धि क्यों हुई? यह पहला सवाल है, जिसका सरकार के पास जवाब यह है कि यह गुप्त करार है और हम कीमत नहीं बता सकते। उन्होंने कहा, “मैं आज जो कीमत बता रहा हूं, उसमें गुप्त क्या है? यह दसॉल्ट की सालाना रपट में है।”
Published: 25 Aug 2018, 5:14 PM IST
वहीं दूसरी ओर चंडीगढ़ पहुंचे दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कागज का प्लेन बनाकर राफेल डील पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि सुनील जाखड़ के विमान बनाने का कौशल अंबानी से बेहतर हैं। वही अंबानी जिन्हें घोटाले से भरे राफेल डील सौजन्य से सम्मानित किया गया है।”
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 25 Aug 2018, 5:14 PM IST
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Published: 25 Aug 2018, 5:14 PM IST