कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में ईडी दफ्तर पहुंच गए हैं। उनसे पूछताछ हो रही है। इससे पहले कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला और चार अहम सवाल पूछे। प्रेस से बात करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रजातंत्र का संघर्ष जारी है। हम सिर्फ यह कहेंगे कि मोदी जी पिछले 8 सालों में अगर आप प्रदेश सरकार में विधायकों की खरीद फरोख्त की जांच करवा लेते, आपको तो पैसे का भी पता होगा, बहुत रिकवरी हो जाती।
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने ईडी को इलेक्शन मैनेजमेंट करार देते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट यानी ईडी और मोदी सरकार का डर, इन सबके बीच मैं आपके सामने चार सवाल लेकर आया हूं।
पहला सवाल, आखिर मोदी सरकार और बीजेपी के निशाने पर राहुल गांधी और कांग्रेस क्यों हैं?
दूसरा सवाल, क्या जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज को दबाने का षड्यंत्र है ईडी की कार्रवाई?
तीसरा सवाल, क्या राहुल गांधी मोदी सरकार द्वारा चंद धन्नासेठों के हित साधने में रोड़ा बने हैं?
चौथा सवाल, बीजेपी सरकार हजारों करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च कर, 40-50 मंत्री लगाकर, सारे मीडिया पर दबाव डालकर, केवल एक आवाज राहुल गांधी पर ही हमलावर क्यों है?
Published: 14 Jun 2022, 10:08 AM IST
सुरजेवाला ने कहा कि यह चार सवाल वह हैं, जिन्हें देश को जानना बेहद जरूरी है। इन सवालों के जवाब जानें और समझें कि आखिर क्यों मोदी सरकार कांग्रेस की एकजुटता और राहुल गांधी की बुलंद आवाज से डर गई है। कांग्रेस नेता ने चारों सवालों का जवाब देते हुए बताया कि आखिर क्यों मोदी सरकार और बीजेपी राहुल गांधी और कांग्रेस को निशाना बना रही है।
सुरजेवाला ने कहा, पहले सवाल का जवाब है, जब चीन ने हमारे देश की सरजमीन पर कब्जा किया, हमारे जवान शहीद हुए तो प्रधानमंत्री जी ने सर्वदलीय बैठक में कहा, न कोई घुसा है न कोई आया है। तब विपक्ष की एकमात्र आवाज राहुल गांधी ने सरकार के झूठ को घेरा। देश की माटी और शहीद जवानों के लिए आवाज उठाई। आज दो साल बीत जाने के बावजूद चीन को भारत मां की सरजीन से खदेड़ नहीं पाए। इसलिए राहुल गांधी से उन्हें परेशानी है।
दूसरे सवाल का जवाब, महंगाई से हो रही जनता की बदहाली पर राहुल गांधी ने लगातार सरकार को घेरा। पेट्रोल-डीजल के दामों पर, रसोई गैस और सीएनजी-पीएनजी के दामों पर, बढ़ते खाने पीने की वस्तुओं के दामों पर, लगातार मध्यम वर्ग, नौकरी पेशा लोग, देश के गरीब, दलित, पछड़े और देश के आदीवासी की आवाज उठाई और सरकार को घेरा। इन सबका जवाब सरकार के पास नहीं है, इसलिए राहुल गांधी से उन्हें परेशानी है।
तीसरे सवाल का जवाब, डूबती अर्थव्यवस्था और गिरते रुपये, एमएसएमई की बदहाली को लेकर, छिनती नौकरियों को लेकर, चौथरफा 45 साल की सबसे भयंकर बेरोजगारी को लेकर युवाओं के गुस्से को लेकर राहुल गांधी ने सवालों की झड़ी लगाकर मोदी सरकार को घेरा, इसलिए राहुल गांधी से इन्हें परेशानी है।
चौथे सवाल का जवाब, कोरोना काल में जब मोदी जी ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। उस समय राहुल गांधी ने समय रहते न केवल सरकार को चेताया बल्कि सरकार को देर से ही कार्यवाही और मदद के लिए मजबूर किया। जब सरकार कोरोना टीके से प्राइवेट कंपनियों को हजारों करोड़ का मुनाफा कमवा रही थी तो राहुल गांधी ने सरकार को बाध्य किया कि टीकाकरण मुफ्त हो, मोदी सरकार ऐसा करने पर मजबूर हुई। जब लाखों मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाने को मजबूर थे तो सरकार को कठघरे में खड़ी करने वाली आवाज का नाम राहुल गांधी है। इसलिए राहुल गांधी से इन्हें परेशानी है।
जब लाखों किसान न्याय की गुहार के लिए राजधानी दिल्ली के बाहर 8 महीने बैठे रहे, जब मोदी सरकार किसानों को आतंकवादी और नक्सलवादी बता रही थी, जब 700 किसान कुर्बानी के लिए दिल्ली की सीमा पर मजबूर हो गए तो ट्रैक्टर यात्रा कर किसान और खेत मजदूर की आवाज उठाकर, राहुल गांधी ने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलकर किसान की आवाज उठाई और सरकार को मजबूर किया कि वह तीनों काले कानून वापस ले। इसलिए राहुल गांधी से इन्हें परेशानी है।
Published: 14 Jun 2022, 10:08 AM IST
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Published: 14 Jun 2022, 10:08 AM IST