कांग्रेस ने राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए शनिवार को कहा कि ये सरकार राफेल डील में एक झूठ छुपाने के लिए सौ झूठ बोल रही है और खुद अपने ही झूठ के जाल में फंसती जा रही है। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “राफेल डील को लेकर एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। वह ये है कि जो राफेल विमान फ्रांस से भारत आएंगे वो भारत के हिसाब से 'विशिष्ट बदलाव' किये बिना आएंगे। यही नहीं, डील के तहत भारत को राफेल विमानों की आपूर्ति 2022 में होगी।” कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा, “अगर 2015 में आपात खरीद की गई थी, तो फिर उसकी आपूर्ति 2022 में क्यों होगी? फिर ये आपात खरीद कैसे हुई?”
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रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा कि भारतीय वायु सेना ने 126 लड़ाकू विमानों की मांग की थी, क्या पीएम मोदी ने 126 के बजाय केवल 36 एयरक्राफ्ट खरीदकर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया है ?
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सुरजेवाला ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा जारी किये गए कॉम्बैट एयरक्राफ्ट टेंडर में ‘संपूर्ण हथियारों’ और ‘ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी’ का उल्लेख है, जो बीजेपी सरकार के सौदे में कहीं नहीं है। कांग्रेस सरकार द्वारा जारी आरएफपी में ‘प्रारंभिक खरीद, ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी, लाईसेंस्ड प्रोडक्शन आदि’ का स्पष्ट उल्लेख है, जिसको मोदी सरकार ने अपने सौदे में पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है।
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उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी जी देश को बताएं कि 526 करोड़ रुपये वाला लड़ाकू विमान 1,670 करोड़ रुपये में खरीदकर देश को 41,000 करोड़ रुपये का चूना कैसे लगाया? उन्होंने कहा, “अगर प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के पास राफेल डील में छुपाने को कुछ नहीं है तो वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को स्वीकार करें।” उन्होंने आगे कहा कि डसॉल्ट कंपनी ही मिराज-2000 जहाज बनाती है, जिसकी कीमत कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने संसद को बतायी थी। अगर इसी कंपनी के बनाये मिराज विमान की कीमत बतायी जा सकती है तो फिर राफेल की कीमत देश को बताने में क्या दिक्कत है?
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