कर्नाटक में जारी अमूल बनाम नंदिनी विवाद में कांग्रेस ने सीधे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने एक ट्वीट के जरिए कुछ तथ्य सामने रखे हैं। कांग्रेस ने कहा है कि यह नंदिनी बनाम अमूल का मुद्दा नहीं, बल्कि अमित शाह की कर्नाटक के नंदिनी को नुकसान पहुंचाने की योजना है। कांग्रेस ने यह मुद्दे सिलसिलेवार सामने रखे हैं:
नंदिनी क्या है – नंदिनी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (कर्नाटक दुग्ध संघ) का ब्रांड नेम है
कर्नाटक के मिल्क ब्रांड नंदिनी को लेकर आखिर विवाद क्या है?
आखिर बीजेपी कर्नाटक के स्थानीय ब्रांड को खत्म करने पर क्यों आमादा है?
आखिर बीजेपी ने देश को दो अलग-अलग इलाकों के सहकारी संघों को क्यों आमने-सामने खड़ा कर दिया है?
एक ऐसे ब्रांड को जिससे कर्नाटक के 26 लाख किसान जुड़े हुए हैं, उसे बरबाद करने का अमित शाह की योजना क्या है?
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दिसंबर 2022 में अपने कर्नाटक दौरे में अमित शाह ने कहा था कि अमूल और नंदिनी को आपस में मिलकर काम करना चाहिए
कर्नाटक में नंदिनी एक लोकप्रिय नाम है। करीब 26 लाख किसान कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से जुड़े हुए हैं, जिससे करीब 20,000 करोड़ रुपए की आमदनी होती है। इस कोआपरेटिव से करीब सवा करोड़ लोगों का सीधे प्रभावित होता है
नंदिनी की गुणवत्ता पर कन्नड़ लोगों का भरोसा अद्धितीय है
कर्नाटक की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने क्षीर भाग्य योजना के तहत 5 रुपए प्रति लीटर का इंसेंटिव देकर उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया था।
इस योजना के चलते 2014 का 43 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन 2018 में बढ़कर 75 लाख लीटर हो गया था
बीजेपी सरकार के शासन में कर्नाटक में इंसेंटिव में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई जिससे दुग्ध उत्पादन गिरकर 70 लाख लीटर रह गया जिसके चलते रिटेल और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में दूध की कमी महसूस की गई
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अमित शाह ने जानबूझकर नंदिनी को ऐसे ब्रांड बनने दिया जिससे इसकी पहचान नष्ट हो जाए
यह दरअसल अमूल बनाम कांग्रेस की नीतियों से फले-फूले नंदिनी ब्रांड का युद्ध नहीं है, यह अमित शाह की उस खतरनाक योजना का हिस्सा है जिसके तहत अमित शाह गुजरात के बाहर स्थिति अधिकाधिक सहकारी क्षेत्र पर नियंत्रण करना चाहते हैं ताकि उनका राजनीतिक लाभ के लिए चुनावों में दुरुपयोग किया जा सके
आखिर कर्नाटक के बीजेपी नेता नंदिनी के साथ हो रही इस नाइंसाफी को सही ठहरा रहे हैं?
आखिर नंदिनी का साथ और समर्थन देने के लिए कर्नाटक बीजेपी के नेता कांग्रेस पर क्यों निशाना साध रहे हैं?
बीजेपी सरकार ने आखिर नंदिनी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि क्यों नहीं बढ़ाई?
बीजेपी ने जानबूझकर नंदिनी के मिल्क उत्पादन को निरंतर क्यों गिरने दिया?
कर्नाटक बीजेपी के नेताओं की निष्ठा राज्य के दुग्ध किसानों से अधिक अमित शाह की उस योजना के साथ है जिसमें एक स्थानीय ब्रांड को नष्ट किया जा रहा है?
साफ है कि बीजेपी की अनैतिक 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार ने उन लोगों का साथ देने का तय कर लिया है कि कर्नाटक के लोगों की आजीविका नष्ट करते हुए राज्य के गौरव पर चोट करना चाहते हैं।
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