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कांग्रेस ने गलवान वीडियो पर मोदी सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल, कहा- पीएम सुनिश्चित करें चीन की जवाबदेही

चीन द्वारा जारी गलवान घाटी के वीडियो पर मोदी सरकार की चुप्पी पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। कांग्रेस ने कहा है कि 'लाल आंख दिखाने' वाले प्रधानमंत्री आखिर इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को इस मामले में चीन की जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।

सोशल मीडिया
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कांग्रेस ने गलवाल घाटी के वायरल हो रहे हृदयविदारक वीडियो पर मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने कहा है कि "चीन ने जो वीडियो रिलीज किया है, उस वीडियो की सत्यता पर सरकार को आगे आकर जवाब देना चाहिए। अगर वो वीडियो सत्य है, तो ये बहुत ज्यादा ह्रदय विदारक तो है ही, बहुत गंभीर मुद्दा इसलिए है कि यह फिर वॉर क्राइम की श्रेणी में आएगा।" कांग्रेस ने कहा कि "चीन की हिम्मत कैसे हुई, इस तरह से वॉर क्राइम की गतिविधियों में वो संलिप्त हुआ।" कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि, "अगर वॉर क्राइम की श्रेणी में सरकार इसको मानती है, तो सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाएगी? क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसमें शामिल करना चाहिए?" उन्होंने कहा कि सरकार को इसे इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में ले जाना चाहिए, क्योंकि वॉर क्राइम को वहीं ले जाना बनता है।

पवन खेड़ा ने कहा कि, "गृह मंत्री कल अपनी तारीफ करते हुए सुनाई दिए। ये अक्सर दोनों व्यक्ति एक –दूसरे की तारीफ करते रहते हैं, इसलिए 7 साल इन्होंने ऐसे ही निकाल दिए। एक-दूसरे की पीठ थपथपाने के बजाय, जवाब दें देश को कि चीन की इन हरकतों की वजह से क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसे शर्मिंदा करेंगे? क्या कदम उठाएंगे चीन को शर्मिंदा करने के लिए, चीन को एक्सपोज करने के लिए?"

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि, "चीन हमारे हमारे उपराष्ट्रपति महोदय को अरूणाचल प्रदेश जाने से रोकने का प्रयास करता है। उसको आपत्ति होती है, हमारे ही देश में, हमारे ही उपराष्ट्रपति जा रहे हों और चीन इस तरह की हिमाकत करे और यहाँ से कोई कड़ा जवाब न जाए।" पवन खेड़ा ने याद दिलाया कि किस तरह कैसे उत्तराखंड में 5 किलोमीटर भीतर हमारी सीमा के चीनी सैनिक घुसकर आए, हमारा इंफ्रास्ट्रचर, हमारी पुलिया तोड़कर वापस चले गए, लेकिन सरकार की तरफ से सिर्फ चुप्पी है।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ 13वें दौर की कोर कमांडर्स स्तर की बैठक में जेपसांग और डीओबी विषयों पर चीन बात तक करने को तैयार नहीं, ऐसा कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि बातचीत तो अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करने के लिए थी, लेकिन चीन बिल्कुल सहयोग नहीं दे रहा। कांग्रेस नेता ने कहा कि, "बड़ी-बड़ी डींगे हांकने से अच्छा होगा कि सरकार जवाब दे।"

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बीते 6 महीने में सरकार ने चीन के साथ 62.60 फीसदी व्यापार बढ़ा दिया। लेकिन बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी की थीं, ऐप आदि बैन करके शोर मचाया था। लेकिन हकीकत यह है कि सिर्फ ऐप बैन किए लेकिन व्यापार बढ़ा दिया गया है। पवन खेड़ा ने बताया कि "अभी दो दिन पहले, नोएडा में 600 करोड़ का आप निवेश चीन से मंगवा रहे हैं। नोएडा की जो सिटी बन रही है, डीएमआईसीआईआईटीजीएनएल के साथ करारनामा चीन कर रहा है। एक तरफ हमारे वीर सैनिकों को जूझना पड़ रहा है, संघर्ष कर रहे हैं, चीन को। जिस तरह से वो गलत आँख से हमारी तरफ देख रहा है, उसका मुकाबला डटकर हमारी सेना कर रही है, दूसरी तरफ हमारी सरकार चीन से व्यापार कर रही है, चीन से निवेश ले रही है और चुप बैठी है। ये लाल आँखें किसके लिए है?"

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कांग्रेस ने पूछा कि, "हम यह भी जानना चाहते हैं कि जो अफगानिस्तान में हो रहा है, जिसका सीधा-सीधा लाभार्थी दो हैं, बीजिंग और इस्लामाबाद, उस दिशा में हम क्या कदम उठा रहे हैं कि हम अपने सामरिक हितों की, अपनी सुरक्षा की ठीक ढंग से रक्षा कर सकें।"

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