छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन का आज दूसरा दिन है। महाधिवेशन में कांग्रेस ने अपने संविधान में 6 बड़े संशोधन किए हैं। इसमें सबसे अहम संशोधन कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) को लेकर किया गया है। अब कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों में 50 फिसदी सदस्यों को आरक्षण के जरिए भरा जाएगा। कांग्रेस पार्टी के संविधान यह बदलाव महाधिवेशन के मुख्य मंच से किए गए।
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सामाजिक न्याय की क्रांति का आगाज– देश की जरूरत के हिसाब से कांग्रेस ने अपने आप को बदला है। कमेटी ने अनुमोदन किया है कि एससी/एसटी, आदिवासी, पिछड़ों आदि के लिए 50 फीसदी आरक्षण पार्टी के पदों पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए 50 साल से कम के युवा और महिलाओं की भागीदारी (50 फीसदी में भी, और बाकी 50 फीसदी में भी डिजिटल सदस्यता)
1 जनवरी 2025 से पेपर मेंबरशिप नहीं होगी। सिर्फ डिजिटल मेंबरशिप संगठन के तौर पर नया रचनात्मक कदम।
बूथ कमेटी, पंचायत कमेटी, वार्ड कमेटी, इंटरमीडियए कमेटी, मंडल कमेटी, जिला कमेटी, प्रदेश कमेटी, यह इकाइयां होंगी।
प्रगतिशील तरीके से बदलाव – थर्ड जेंडर को जगह – पिता के नाम के साथ मां का नाम भी लिखा जाएगा और पत्नी का नाम भी लिखा जाएगा।
राजीव जी ने पंचायती राज का सपना देखा और लागू किया – पंचायती निकायों के स्थानीय निकायों के – ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर पर सभी समितियों में सदस्यों में नगरपालिका और कार्पोरेशन – ब्लॉक कमेटी के सदस्य होंगे।
सदस्यता से सशक्तिकरण की तरफ– 8 पीसीसी पर एक एआईसीसी– अब 6 पीसीसी पर एक एआईसीसी मेंबर– 1240 से बढ़कर 1653 होगी संख्या, कार्यसमिति में भी अब 23 – 2 थी, तो अब कार्यसमिति में 35 सदस्य होंगे. 50 फीसदी एससी एसटी ओबीसी, महिला और अल्पसंख्यक होंगे। कांग्रेस के पीएम, पूर्व पीएम, कांग्रेस अध्यक्ष, संसद में नेता, संसदीय दल के नेता कार्यसमिति के सदस्य होंगे।
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