कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 138वें स्थापना दिवस के अवसर पर एआईसीसी मुख्यालय पहुंचकर झंडा फहराया। इस दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी, वेणुगोपाल जी, पवन बंसल जी, स्टीयरिंग कमेटी के हमारे सदस्यगण, वरिष्ठ नेता, सांसद, सेवादल के हमारे साथी, कांग्रेस के समस्त कार्यकर्ता और मीडिया के बंधुओं, कांग्रेस पार्टी के 138वें स्थापना दिवस की मैं आप सबको बहुत बधाई देता हूं। आज ही के दिन 28 दिसंबर, 1885 को मुम्बई में कांग्रेस पार्टी की नींव रखी गई थी।
कांग्रेस पार्टी को बने हुए आज 137 साल पूरे हुए हैं। आज़ादी के बाद कांग्रेस पार्टी का 75 वर्षों का सफ़र आधुनिक भारत की कहानी कहता है। इन वर्षों में भारत के हर सफल Milestone पर आपको कांग्रेस की इबारत लिखी मिलेगी।
यह मौक़ा एक और वजह से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष कांग्रेस सेवा दल अपने 100 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। सेवा दल के साथियों को बहुत-बहुत बधाई।
भारत की आज़ादी के आसपास कई दूसरे देश भी आज़ाद हुए थे। लेकिन बहुत से देश में सत्ता की बागडोर तानाशाही ने ले ली। भारत न सिर्फ़ सफल और मज़बूत लोकतंत्र बना, बल्कि कुछ ही दशकों में हम आर्थिक, न्यूक्लियर, मिसाइल, स्ट्रेटेजिक के क्षेत्र में सुपर पॉवर बन गये। कृषि , शिक्षा , मेडिकल , IT सेक्टर में भारत, दुनिया के टॉप देशों में शामिल हो गया।
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उन्होंने आगे कहा कि ये सब अपने आप नहीं हुआ। यह कांग्रेस की लोकतंत्र में आस्था के कारण हुआ, सभी को साथ ले कर चलने की हमारी विचारधारा के कारण ये सब कुछ हुआ, ज्ञान-विज्ञान में हमारे विश्वास के चलते हुआ। उस संविधान में पूरी आस्था की वजह से हुआ, जो सबको बराबरी के अधिकार और बराबरी के मौक़े देने को गारंटी देता है।
आज़ाद भारत आगे बढ़ा क्योंकि कांग्रेस ने गरीब, वंचित, दलित समुदायों की हज़ारों सालों की ज़ंजीरें काटने का साहस दिखाया। आज़ादी को हर नागरिक तक पहुंचाने का दृढ़ सकल्प लिया और उस दिशा में आगे बढ़ने की ईमानदारी के साथ कोशिश की।
गांधी जी ने राजनीति को सत्ता की परिक्रमा के रूप में नहीं देखा, बल्कि सामाजिक सुधार, छूआछूत के विरोध, आर्थिक स्वावलंबन, बराबरी के अधिकार, सांप्रदायिकता के विरोध, पुरुष प्रधानता के विरोध जैसे विषयों को रोज़मर्रा की राजनीति से जोड़ दिया।
गांधी जी के नेतृत्व में जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, डॉ राजेंद्र प्रसाद, मौलाना आज़ाद, सुभाष चंद्र बोस, कामराज जैसे नेता सामने आये। सरोजनी नायडू, अरुणा आसफ़ अली, राजकुमार अमृत कौर जैसी महिला नेताओं के नाम घर-घर पहुंच गये।
आज़ादी के आंदोलन के दौरान ही कांग्रेस ने कराची प्रस्ताव पास किया और संविधान की मूल आत्मा कैसी होगी, ये तय कर दिया और प्लानिंग कमेटी बना कर आज़ाद भारत में विकास का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया ।
इसी तैयारी के कारण जब हमारा राष्ट्र स्वतंत्र हुआ तो बिखरा नहीं, बल्कि मज़बूती से आगे ही आगे बढ़ता गया। सबको साथ ले कर चलता गया।भारतीय लोकतंत्र को मज़बूत रखने के लिए नेहरु जी ने अपनी पहली कैबिनेट में 14 में से 5 मंत्री ग़ैर कांग्रेसी दलों के बनाए। ये दर्शाता है सबको साथ लेकर चलने का एक उसूल।
भारत की सीमाओं की रक्षा, भारत के सामाजिक ताने बाने की रक्षा, सभी नागरिकों के अधिकारों के रक्षा, जनता के लिए शिक्षा-रोज़गार की रक्षा और देश में वैज्ञानिक सोच की रक्षा, यही कांग्रेस का संकल्प है।
सोनिया गांधी जी के अध्यक्ष काल में, जब हमारी यूपीए की सरकार बनी थी, तब RTI, RTE, Food Security Act, MGNREGA, Forest Rights या भूमि अधिग्रहण क़ानून हो, ये सब कांग्रेस की विचारधारा की छाप जनता और देश पर छोड़ी है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की मूल भावना पर लगातार प्रहार हो रहा है। नफ़रत की खाई देश भर में खोदी जा रही है। लोग महंगाई, बेरोज़गारी से त्रस्त हैं, लेकिन सरकार को इसके बारे में कोई चिंता नहीं।
हमें कांग्रेस पार्टी को इंक्लूसिव बनाने के लिए युवाओं और महिलाओं को, वंचित तबकों को, बुद्धिजीवियों को जोड़ना होगा एवं महँगाई, बेरोज़गारी और नफ़रत के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए अपने साथ लेकर चलना होगा।
राहुल गांधी जी की भारत जोड़ो यात्रा में इसकी शुरुआत हो चुकी है। देश भर में फैले हमारे करोड़ों कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से संजीवनी मिली है। यात्रा ने दिखा दिया है कि कांग्रेस की विचारधारा को देश में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है और इससे आज हमारे विरोधियों में घबराहट पैदा हुई है। हम भारत के बेहतर भविष्य के लिए देशवासियों को इस संघर्ष में शामिल होने की विनती करते है, अपील करते हैं कि वह सब इस यात्रा में जुड़ें।
उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिये हम तैयार हैं, ये भरोसा हम देश को देना चाहते हैं। कांग्रेस के स्थापना दिवस पर इसी संकल्प के साथ आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
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बता दें कि कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में 1885 में हुई थी। पार्टी के संस्थापकों में दादा भाई नौरोजी, एओ ह्यूम और दिनशा वाचा जैसे बड़े दिग्गज नेता शामिल रहे। देश को अंग्रेजों शासन से मुक्त कराने के लिए कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने बड़ा योगदान दिया। 1947 में देश को आजादी मिली, उसके बाद कांग्रेस देश की पहली बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी।
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