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कांग्रेस ने FIR होने पर वित्त मंत्री सीतारमण का इस्तीफा मांगा, चुनावी बॉण्ड के जरिये जबरन वसूली का है आरोप

एक विशेष अदालत के आदेश पर शनिवार को सीतारमण, ईडी के अधिकारियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के बीजेपी नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 384 (जबरन वसूली के लिए सजा), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 34 (साझा मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कांग्रेस ने FIR होने पर वित्त मंत्री सीतारमण का इस्तीफा मांगा, चुनावी बॉण्ड के जरिये जबरन वसूली का है आरोप
कांग्रेस ने FIR होने पर वित्त मंत्री सीतारमण का इस्तीफा मांगा, चुनावी बॉण्ड के जरिये जबरन वसूली का है आरोप फोटोः वीडियोग्रैब

कांग्रेस ने अब रद्द हो चुकी चुनावी बॉण्ड योजना के जरिये जबरन वसूली की कोशिश की शिकायत पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रविवार को बीजेपी पर हमला बोला और ‘लोकतंत्र को कमजोर करने’ के लिए वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग की। विपक्षी दल ने पूरे चुनावी बॉण्ड योजना की विशेष जांच दल (एसआईटी) के माध्यम से उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की अपनी मांग दोहराई।

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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी के साथ प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड की साजिश के जरिये पैसे ऐंठने के लिए चार तरीकों का इस्तेमाल किया गया। इसके तहत प्रीपेड रिश्वत, पोस्टपेड रिश्वत, छापे के बाद रिश्वत और फर्जी कंपनियों के माध्यम से वसूली की गई।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वह राजनीतिक, कानूनी और नैतिक रूप से ‘‘दोषी’’ हैं। रमेश ने कहा कि प्राथमिकी अदालत के आदेश पर दर्ज की गई और कांग्रेस का प्राथमिकी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनावी बॉण्ड योजना की एसआईटी के माध्यम से उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग कर रही है और वह इस मांग को दोहराती है।

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अभिषेक मनु सिंघवी ने बीजेपी पर ‘लोकतंत्र को कमजोर करने’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री खुद से ऐसा नहीं कर सकतीं। हम जानते हैं कि नंबर 1 और नंबर 2 कौन है और यह किसके निर्देश पर किया गया।’’ सिंघवी ने इसे ‘‘ईबीएस’’ (इक्सटॉर्शनिस्ट बीजेपी स्कीम) करार देते हुए कहा, ‘‘बड़ा मुद्दा समान अवसर उपलब्ध कराना है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है।’’

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चुनावी बॉण्ड योजना से संबंधित शिकायत के बाद बेंगलुरु की एक अदालत के निर्देश पर सीतारमण और अन्य के खिलाफ शनिवार को मामला दर्ज किया गया है। इस योजना को पहले ही निरस्त किया जा चुका है। एक विशेष अदालत के आदेश के आधार पर सीतारमण, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के पदाधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 384 (जबरन वसूली के लिए सजा), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 34 (साझा मंशा से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। बीजेपी की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी वाई विजयेंद्र, पार्टी नेता नलिन कुमार कटील का भी नाम प्राथमिकी में दर्ज है।

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जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श आर अय्यर ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने चुनावी बॉण्ड की आड़ में जबरन वसूली की और 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा उठाया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सीतारमण ने ईडी अधिकारियों की गुप्त सहायता और समर्थन के माध्यम से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरों के फायदे के लिए हजारों करोड़ रुपये की जबरन वसूली की।

इसमें कहा गया है, ‘‘चुनावी बॉण्ड की आड़ में जबरन वसूली का काम विभिन्न स्तरों पर बीजेपी के पदाधिकारियों की मिलीभगत से चलाया जा रहा था।’’ उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में चुनावी बॉण्ड योजना को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इससे संविधान के तहत सूचना के अधिकार और भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है।

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