केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2022-23 पेश किया। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट है। आम बजट में आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे आम आदमी खासकर मिडिल क्लास की उम्मीदों को झटका लगा है। हालांकि, कॉरपोरेट कर में राहत दी गई है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का प्रावधान है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी।
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वहीं विपक्ष इस बजट को लेकर खासा निराश है। उनका कहना है मोदी सरकार का ये बजट उम्मीदों भरा नहीं है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस बजट को निराशाजनक बताया है। थरूर ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस बजट में कुछ भी नहीं है। यह निराशाजनक बजट है। जब आप भाषण सुनते हैं, तो इसमें मनरेगा, रक्षा, जनता के सामने आने वाली किसी भी अन्य जरूरी प्राथमिकताओं का कोई उल्लेख नहीं होता है।
उन्होंने कहा है कि हम भयानक मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं और मध्यम वर्ग के लिए कोई कर राहत नहीं है। यह एक ऐसा बजट है जो 'अच्छे दिनों' की मृगतृष्णा को और भी दूर धकेलता दिख रहा है। अब भारत 100 पर है, 'अच्छे दिनों' के आने के लिए हमें 25 साल और इंतजार करना होगा।
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शशि थरूर ने आगे कहा कि बहुत स्पष्ट है कि जहां तक डिजिटल मुद्रा का संबंध है, सरकार उस दिशा में आगे बढ़ रही है। मेरी जानकारी के अनुसार, एक उचित प्रस्ताव है, मुझे नहीं लगता कि हम इसकी आलोचना करेंगे। लेकिन हम बजट में आम नागरिकों के लिए सामग्री की कमी के बारे में अधिक चिंतित हैं। वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों के लिए केंद्रीय बजट में शून्य।
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