पीएम नरेंद्र मोदी के उद्योगपतियों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर दिखने से नहीं डरने के बयान पर कांग्रेस ने कहा कि उन्हें अपनी सच्चाई और प्रतिष्ठा ऐसे उद्योगपतियों को नहीं देनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री को ऐसे लोगों के साथ तस्वीर खिंचाने में कोई समस्या नहीं है जिन पर बैंकों को ठगने और एंटीगुआ, लंदन या शायद धरती से गायब होने का आरोप है, तो मैं उनकी सच्चाई और प्रतिष्ठा को ऐसे उद्योगपतियों को देने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी की समझ पर छोड़ता हूं।”
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उन्होंने कहा, “सवाल पूंजीपतियों या उद्योगपतियों का नहीं है। सवाल है किस प्रकार के पूंजीपति और उद्योगपति ये हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के खिलाफ नहीं बल्कि पक्षपात पूर्ण पूंजीपतियों से हैं।
मनीष तिवारी ने मोदी द्वारा खुद की तुलना महात्मा गांधी से करने पर भी हमला करते हुए कहा, “इससे ज्यादा चौंकाने वाला क्या होगा कि प्रधानमंत्री ने अपनी तुलना महात्मा गांधी से की।” वे उद्योगपति महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ थे और उनका लक्ष्य भारत की स्वतंत्रता थी। ऐसे उद्योगपति नहीं जिन्होंने देश के बैंकिंग तंत्र को ठगकर जनता के हजारों करोड़ रुपये लेकर भाग गए।
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कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार की नीतियों को उद्योग के अनुकूल होना चाहिए, लेकिन सिर्फ कुछ उद्योगपतियों के अनुकूल नहीं होना चाहिए। पीएम को उद्योग के पक्ष में खड़ा होना चाहिए, लेकिन सिर्फ कुछ उद्योगपतियों के हितों के साथ खड़ा होना चाहिए। कोई भी बता सकता है कि कौन से उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा है।
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